1. ज्योतिष अनुसार रुद्राक्ष को कभी भी जन्म और मृत्यु के स्थानों पर नहीं धारण करना चाहिए। ऐसे में जहां किसी बच्चे का जन्म हुआ ही यानी प्रसूति कक्ष में रुद्राक्ष पहनना शुभ नहीं माना जाता। परंतु शिशु के जातकर्म संस्कार पूर्ण होने के बाद आप इसे धारण कर सकते हैं।
2. किसी की शवयात्रा में जाते समय भी रुद्राक्ष धारण करना अशुभ माना गया है। इसलिए शवयात्रा में जाने से पहले रुद्राक्ष को उतार दें। शास्त्रों के अनुसार भगवान शिव की तरह ही उनका अंश रुद्राक्ष भी जन्म और मृत्यु से परे है। इसलिए ऐसी जगह रुद्राक्ष धारण करने से उसके शुभ प्रभाव खत्म हो जाते हैं।
3. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक सोने से पहले भी रुद्राक्ष की माला या पेंडेंट को उतारकर सोना चाहिए क्योंकि सोते समय हमारा शरीर अशुद्ध अवस्था में होता है। वहीं सोते समय इसके टूटने का भय भी होता है। माना जाता है कि आप आत्मिक शांति के लिए सोते समय रुद्राक्ष उतारकर अपने तकिए के नीचे रख सकते हैं।
4. कई लोग काले धागे में रुद्राक्ष धारण करते हैं। लेकिन ज्योतिष की दृष्टि से उसे शुभ नहीं माना जाता। रुद्राक्ष को लाल अथवा पीले रंग के धागे में पहनना ही शुभ माना जाता है।
5. अगर आपने कोई रुद्राक्ष की माला या पेंडेंट धारण किया हुआ है तो फिर उसे किसी दूसरे व्यक्ति को कभी नहीं देना चाहिए। वहीं ज्योतिष अनुसार अपने लिए रुद्राक्ष की माला बनवाते समय इस बात का ध्यान रखें कि इसमें मनकों की संख्या 27 से कम नहीं होनी चाहिए।
(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। patrika.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह ले लें।)