गांधीजी दूसरे गोल मेज सम्मेलन में भाग लेने के लिए इंग्लैंड गये । वहां के लोग नहीं माने, उन्हें बालरूम डांस दिखने ले गये । वहां सब अपने-अपने जोड़ों के साथ नाचने लगे । एक अंग्रेज ने उनसे कहा- ‘आप भी अपना पार्टनर चुन लीजिए । गांधीजी ने अपनी लाठी दिखाकर कहा- ‘मेरे साथ मेरा पार्टनर है । यह सुनकर सबको हंसी आ गई । एक दिन की बात है । सेठ जमनालाल बजाज ने गांधीजी से कहा- ‘बापू! यह तो मुझे ज्ञात है कि आपका मुझ पर अपार स्नेह है किन्तु मैं चाहता हूं कि आप मुझे देवीदास की तरह ही अपना पुत्र बना लें ।
उनका अभिप्राय गोद लेने से था । यह जानकर गांधीजी ने लम्बे-चौड़े बजाज जी की ओर देखकर कहा- ‘कहते हो सो तो ठीक है, बाप बेटे को गोद लेता है, पर यहां तो स्थिति उल्टी है । बेटा बाप को गोद लेने जैसा दीखता है । विनोद प्रियता की प्रवृत्ति को जरा हम भी अपना स्वभाव का अंग बनाकर देखें, विषाद कभी हमारे निकट आ ही नहीं सकता ।