पत्रिका न्यूज, जयपुर। पितरों की आत्मा की शांति के लिए होने वाले श्राद्ध शुक्रवार से शुरू होंगे। इस बार श्राद्धपक्ष में एक तिथि क्षय होगी, इस कारण श्राद्ध 16 के बजाए 15 के होंगे। पहले दिन पूर्णिमा का श्राद्ध निकाला जाएगा। अश्विनी कृष्ण पक्ष में सप्तमी तिथि क्षय होगी लेकिन श्राद्ध तृतीया व चतुर्थी तिथि का एक दिन 19 सितम्बर को निकाला जाएगा। पंडित दामोदर प्रसाद शर्मा ने बताया कि इस दिन तृतीया तिथि दोपहर 3.07 मिनट तक रहेगी।
इसके बाद चतुर्थी तिथि लग जाएगी। चतुर्थी अगले दिन सुबह 11.58 तक रहेगी। शास्त्रानुसार श्राद्ध अपरान्ह व्यापिनी तिथि में ही निकाले जाने चाहिए। इसलिए चतुर्थी का श्राद्ध भी 19 को ही निकाला जाएगा। गया तीर्थ के श्राद्ध का फल देने वाला भरणी का श्राद्ध 20 को होगा।
पंचबलि का संकल्प कर अर्पित करें
श्राद्ध तिथि को अपरान्ह काल में पितरों के निमित्त तर्पण, पूजन करके गीता पाठ सुनाएं। इसके बाद थाली में गाय, कुत्ता, कौआ, देव (अतिथि) व पिपलाकी (चीटियां) के निमित पंचबलि निकालें। हाथ में जल, तिल या जौ लेकर दक्षिणाभिमुख होकर पितृ का नाम लेकर पंचबलि का संकल्प कर अर्पित करें। श्राद्धपक्ष में प्रतिपदा तिथि का क्षय व नवरात्र में तिथि की वृद्धि व्यापारियों के साथ आमजन के लिए शुभ फलदायी होगी।
श्राद्ध निकालने का समय
ज्योतिषियों ने बताया कि शास्त्रानुसार श्राद्ध अपरान्ह काल में निकाले जाने चाहिए। इस बार श्राद्ध निकालने का समय दोपहर 1.33 बजे 3.58 तक रहेगा।
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