वहीं इसी बीच यानि कोरोना संक्रमण काल के दौरान जुलाई व अगस्त के शुरुआत में ही एक बार फिर ग्रहों-नक्षत्रों से जुड़े तीन महत्वपूर्ण परिवर्तन हो रहे हैं। ऐसे में ज्योतिष के जानकारों का मानना है कि इसका कई लोगों पर गहरा प्रभाव पड़ेगा।
ज्योतिष के जानकार पंडित सुनील शर्मा के अनुसार एक ओर जहां 24 जुलाई,2020, शुक्रवार को दुख के कारक ग्रह केतु ने मूल नक्षत्र में प्रवेश कर लिया है। वहीं इसके बाद आगामी 27 जुलाई, सोमवार को गुरु पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे जबकि अगले महीने 8 अगस्त को शनि का नवांश परिवर्तन होगा। इससे ठीक पहले यानि 1 अगस्त को शुक्र का परिवर्तन होना है।
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ये ग्रह दिखएंगे खास असर…
पंडित शर्मा के अनुसार ऐसे में केतु, गुरु व शनि के परिवर्तनों का देश, दुनिया पर काफी असर देखने को मिलेगा। इनके प्रभाव मुख्य रूप से अगस्त में सामने आएंगे, जो काफी अच्छे नहीं कहे जा सकते। वहीं वर्तमान में शुक्र रोहिणी नक्षत्र में गोचरमान हैं।
सामान्य गति से यह आगे बढ़ेगा, लेकिन इसके बाद बुध और सूर्य आगामी 2, 5 व 10 अगस्त तक अशुभ फल दे सकते हैं। जबकि 31 अगस्त को भी त्रिग्रही योग बन रहा है। इसमें बुध, शुक्र व सूर्य की युति अनिष्ट का संकेत देती दिख रही है। जिसमें पानी के कहर से लेकर युद्ध व भूकंप तक के संकेत हैं।
भूकंप, सुनामी की संभावना
ग्रहों एवं नक्षत्रों के इस परिवर्तन के चलते अगस्त के बाद गंभीर परिणाम सामने आ सकते हैं। अक्टूबर और नवंबर में किसी बड़े षड्यंत्र का खुलासा हो सकता है। भूकंप और सुनामी आने की संभावना बन रही है।
गौरतलब है कि इस साल अभी तक देश व दुनिया में दर्जनों बार अलग-अलग जगह भूकंप महसूस किया गया है। इस क्रम में आने वाले समय में भी किसी भी बड़ी प्राकृतिक आपदा की संभावना बन सकती है।
शुभता के लिए करें ये उपाय
पंडित सुनील शर्मा के मुताबिक ग्रहों व नक्षत्रों के इस परिवर्तन के चलते सबसे बेहतर उपाय यही होगा सभी राशि के लोग अपनी वाणी और व्यवहार पर पूरी तरह से नियंत्रण रखें। यदि आप ऐसा कर लेते हैं तो बहुत सारी परेशानियों से बच जाएंगे।
वहीं धार्मिक उपायों में घर पर हनुमान जी का एक फोटो रखें एवं सुबह, शाम आरती करें। सरसों के तेल से दीया जलाएं। ध्यान रखें कि सरसों के तेल का दीया जहां तक हो सके ब्रह्म मुहूर्त में या ज्यादा से ज्यादा सुबह 9 बजे तक व शाम को 7 बजे से 9 बजे के बीच ही जलाना श्रेष्ठ रहता है।
इसके अलावा सूर्य देवता को पानी में हल्दी घोलकर प्रतिदिन अर्घ्य दें। सावन का महीना चल रहा हे, आप शिवलिंग पर दूध व पानी मिलाकर जलाभिषेक करें। पक्षियों के लिए दाने व पानी का समुचित प्रबंध करना भी आपको लाभ देगा।
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इस दिन गुरु का नक्षत्र परिवर्तन…
पं. शर्मा के अनुसार वहीं 27 जुलाई 2020 यानि सोमवार को बृहस्पति अर्थात् गुरु का नक्षत्र परिवर्तन होने जा रहा है। इसका असर 30 सितंबर 2020 तक जारी रहेगा। ज्योतिषीय गणना के अनुसार यह नक्षत्र परिवर्तन अत्यंत महत्वपूर्ण और निर्णायक माना जा रहा है। धार्मिक भाषा से देखा जाए तो गुरु जीव को कहा जाता है और गुरु सदा ही शुभ परिणाम देते हैं।
लेकिन यह समय पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र शुक्र का है और यह वर्तमान में अशुभ है इसलिए यह ग्रह नकारात्मक परिणाम दे सकता है। इस दौरान विशेष रूप से भरणी, पूर्वाफाल्गुनी, पूर्वाषाढ़ा, अश्लेषा, रेवती, जेष्ठा, मृगशिरा, चित्रा, घनिष्ठा, पुनर्वसु, विशाखा और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र वालों को सावधान रहने की आवश्यकता है, क्योंकि यह परिवर्तन उनके लिए अहितकारी दिख रहा है।
इन परिणामों से बचना है तो जीवन में संतुलन एवं संयम साधना सीखना होगा। विवादों का टालना होगा। वाणी में संतुलन बरतें। दस्तावेज, त्वचा, प्रोस्टेट, छोटी मोटी यात्रा, शासकीय कार्य, शासकीय कागजात, मोटापे से जुड़ी कोई समस्या सामने आ सकती है।
इसके अलावा राहु 2020 की शुरुआत में मिथुन राशि में गोचर कर चुका है और 23 सितंबर 2020 को यह वृषभ राशि में प्रवेश करेगा। वर्तमान में केतु, धनु राशि में चल रहा है और सितंबर तक इसी राशि में प्रवेश रहेगा। यह ग्रह 23 सितंबर 2020 को वृश्चिक राशि में आ जाएगा।
ज्योतिष के जानकार पं. शर्मा के अनुसार आगामी 40 से 60 दिनों की अवधि के दौरान धनु राशि, धनु लग्न और धनु नवांश को कष्टों का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा वृषभ राशि, वृषभ लग्न और वृषभ नवमांश वाले लोगों के लिए भी अगले डेढ़ माह यानी 45 दिन शुभ नहीं कहे जा सकते।
सितंबर को गुरु ग्रह का नक्षत्र परिवर्तन होगा। यह अत्यंत महत्वपूर्ण एवं निर्णायक भूमिका निभाएगा। यह सभी के लिए लाभ एवं शुभ का प्रतीक है। इसके चलते जिन राशियों, नवमांश व लग्न को इन दिनों समस्याओं का सामना करना पड़ा है, उनके लिए इसके बाद अच्छा समय आता दिख रहा है।