प्रजावत्सावी: सौभाग्यम।
परा दु:स्वप्न्यं सुव।।
मंत्र का अर्थ: हे सविता देव! आज हमें आप सन्तति सहित पुनीत ऐश्वर्य देवें। दुखप्रद स्वप्नों, दरिद्रता और चिंताओं को हमसे दूर करें।
इस वेदमंत्र के जप से दुस्वप्न नहीं आते हैं तथा एकाग्रता पाने व मानसिक शांति के लिए भी इस मंत्र का उपयोग किया जा सकता है
•Dec 10, 2015 / 02:04 pm•
सुनील शर्मा
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