रुद्राक्ष से जुड़ी इन्हीं मान्यताओं के चलते दुनिया के अनेक लोग इसे धारण करते हैं। इसके साथ ही रुद्राक्ष का उपयोग पूजा सहित मंत्रों के जप में भी किया जाता है। ज्ञात हो कि रुद्राक्ष का औषधीय और आध्यात्मिक महत्व है। माना जाता है कि इनको धारण करने से विशेष फल की प्राप्ति होती हैं, साथ ही रुद्राक्ष अकाल मृत्यु और शत्रु बाधा से भी रक्षा करता है।
रुद्राक्ष पहनने में सावधानियां
जानकारों के अनुसार रुद्राक्ष को लाल धागे या पीले धागे में पहनना चाहिए। इसे पूर्णिमा, अमावस्या या सोमवार को धारण करना श्रेष्ठ माना गया है। रुद्राक्ष एक, सत्ताईस, चौवन या एक सौ आठ की संख्या में धारण करना चाहिए। इसको धारण करने के बाद मांस और मदिरा का सेवन ना करें। रुद्राक्ष को धातु के साथ धारण करना और भी अच्छा माना गया है। रुद्राक्ष को सोने और चांदी के अलावा तांबे के साथ भी इसे धारण किया जा सकता है। ध्यान रहे दूसरे व्यक्ति के द्वारा धारण की गई रुद्राक्ष की माला नहीं पहनना चाहिए, वहीं रुद्राक्ष को सोते समय उतार देना चाहिए।
रुद्राक्ष के विशेष फायदे : Rudraksh benefits
1. शीघ्र विवाह के लिए दो मुखी रुद्राक्ष या गौरी शंकर रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए।
2. शिक्षा और एकाग्रता के लिए पंच मुखी रुद्राक्ष धारण करना अच्छा माना जाता है।
3. एक मुखी या 11 मुखी रुद्राक्ष सेहत और आयु के लिए विशेष माना गया है।
4. तीन मुखी रुद्राक्ष नौकरी की बाधाओं से बचने के लिए धारण किया जा सकता है।
5. बुरी आदत छुड़ाने के लिए ऐसा पंचमुखी रुद्राक्ष पहनें, जो बीच में अक मुखी हो धारण करना चाहिए।
6. 11 मुखी रुद्राक्ष का भक्ति के लिए धारण करना चाहिए।
माना जाता है कि रुद्राक्ष को घिसकर तिलक लगाने से तेज और सौंदर्य में वृद्धि होती है। वहीं माथे पर इसका लेप लगाने से मानसिक शांति प्राप्त होती है। साथ ही शिक्षा में भी अच्छे परिणाम मिलते हैं। रुद्राक्ष पहनने से तनाव से दूर रहते हैं।
राशि के अनुसार धारण करना चाहिए रुद्राक्ष
जानकारों व पंडितों के अनुसार रुद्राक्ष को राशि के अनुसार धारण करना विशेष रहता है। ऐसा करने से हमें इसके खास फल प्राप्त होते हैं। इसके तहत मेष और वृश्चिक राशि के जातकों के लिए तीन मुखी रुद्राक्ष उत्तम होता है। यह रुद्राक्ष अग्नि और तेज का स्वरूप माना गया है। वहीं वृषभ और तुला राशि वालों के लिए छह मुखी रुद्राक्ष उत्तम माना जाता है। इसको भगवान कार्तिकेय का स्वरूप माना गया है।
मिथुन और कन्या वालों के लिए चार मुखी रुद्राक्ष उत्तम माना जाता है। इसको ब्रह्मा जी का स्वरूप माना गया है। कर्क वालों के लिए दो मुखी रुद्राक्ष उत्तम होता है। यह अर्धनारीश्वर का स्वरूप माना गया है। सिंह वालों के लिए एक मुखी रुद्राक्ष उत्तम माना गया है। यह शिव जी का स्वरूप माना जाता है। जबकि धनु और मीन वालों के लिए पांच मुखी रुद्राक्ष उत्तम माना गया है। इसको कालाग्नि भी कहते हैं। वहीं मकर और कुंभ वालों के लिए सात मुखी रुद्राक्ष उत्तम माना गया है। यह सप्तमातृका और सप्तऋषियों का स्वरूप माना जाता है।