ये भी पढ़ें- लंबी उम्र चाहिए तो सावन में चलिए दीर्घेश्वरनाथ मंदिर इसके अलावा हरियाली अमावस्या ( एक अगस्त ) को पंच महायोग का संयोग बन रहा है। बताया जा रहा है कि ऐसा संयोग लगभग 125 साल बाद आ रहा है। हरियाली अमावस्या के दिन सिद्धि योग, शुभ योग, गुरु पुष्यामृत योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग का पंच महायोग का संयोग बन रहा है। माना जाता है कि पंच महायोग के संयोग में कुल देवी-देवता और मां पार्वती की पूजा करन से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती।
नागपंचमी और सोमवारी एक ही दिन इस बार नागपंचमी का पर्व सोमवार ( पांच अगस्त ) को है। नागपंचमी और सोमवार के दिन भगवान शिव (
Lord Shiva ) की आराधना की जाती है। इस बार नागपंचमी के दिन त्रियोग का संयोग बन रहा है। यही कारण है कि इस बार नागपंचमी के दिन काल सर्प दोष निवारण के लिए पूजा करना फलदायी होगा।
ये भी पढ़ें- चंद्रग्रहण के साथ इस बार सावन की शुरुआत, भोले बाबा के पूजन और दर्शन के समय में होंगे बदलाव गौरतलब है कि इस बार सावन महीने की शुरुआत 17 जुलाई से हो रही है और 15 अगस्त को सावन (
Sawan 2019 ) पूर्णिमा है। सावन पूर्णिमा होने के कारण इस दिन रक्षाबंधन भी है। रक्षाबंधन और स्ततंत्रता दिवस एक ही दिन होने के कारण इस तिरंगे वाली राखियों की मांग इस बार अधिक रहेगी।