श्री गणेश का सौभाग्य मंत्र-
– गणपतिर्विघ्नराजो लम्बतुण्डो गजाननः। द्वैमातुरश्च हेरम्ब एकदन्तो गणाधिपः॥ – ॐ श्रीं गं सौभाग्य गणपतये। वर्वर्द सर्वजन्म में वषमान्य नम:।।
ऐसे में इस 2022 में फाल्गुन माह की चतुर्थी रविवार, 06 मार्च 2022 को है, विनायकी चतुर्थी पड़ रही है। माना जाता है कि विनायकी चतुर्थी पर व्रत और उपवास करने के साथ ही गणेश जी की पूजा करने से सुख-समृद्धि का आगमन होता है। वहीं ये भी ध्यान रखें कि विधान के अनुसार चतुर्थी तिथि की पूजा दोपहर में की जानी चाहिए साथ ही इस दिन चंद्र दर्शन भी अशुभ माना जाता है। तो आइए जानते हैं फाल्गुन मास की विनायक चतुर्थी 2022 के बारे में-
फाल्गुन विनायक चतुर्थी 2022 का शुभ मुहूर्त
फाल्गुन विनायक चतुर्थी का व्रत : रविवार 06 मार्च को रखा जाएगा।
– चतुर्थी तिथि की शुरुआत शनिवार 05 मार्च की रात 08 बजकर 35 मिनट से होगी।
– चतुर्थी तिथि का समापन रविवार 06 मार्च की रात 09 बजकर 11 मिनट तक रहेगी।
– उदया तिथि के चलते इस बार विनायकी चतुर्थी का व्रत रविवार 06 मार्च 2022 को रखा जाएगा।
पूजा मुहूर्त व विशेष योग 2022-
दोपहर पूजा का शुभ मुहूर्त रविवार,06 मार्च को दोपहर 11 बजकर 22 मिनट से दोपहर 01 बजकर 43 मिनट तक
वहीं इस दिन रवि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग भी है। मान्यता के अनुसार इस योग में किए गए कार्य फलित होते हैं।
विनायक चतुर्थी पूजा विधि
शास्त्रों के अनुसार, चतुर्थी की पूजा दोपहर के समय करने का विधान है। इस दिन प्रात:काल स्नान के बाद व्रत का संकल्प लें और पूजा में पुन: शुद्ध होकर पूजास्थल को गंगाजल से पवित्र कर लें। फिर वहां गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें।
पूजा में भगवान गणेश जी को पीले फूलों की माला अर्पित करने के बाद धूप-दीप, नैवेद्य, अक्षत और उनका प्रिय दूर्वा अर्पित करें। इसके बाद उन्हें लड्डओं और मोदक का भोग लगाएं। अंत में व्रत कथा पढ़कर गणेश जी की आरती करें। रात्रि में चंद्रमा को अर्घ्य देकर ब्राह्मण को दान दक्षिणा देकर व्रता का पारण करें।
कॅरियर में सफलता, शत्रुनाशक, प्राकृतिक आपदा, आकर्षण वृद्धि और संकट निवारण के लिए श्री गणेशजी के मंत्र इस प्रकार हैं-
– ॐ गं गणपतये नम:।
– वक्रतुण्डाय हुं।
– सिद्ध लक्ष्मी मनोरहप्रियाय नमः
– ॐ मेघोत्काय स्वाहा।
– ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं गं गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा।
– ॐ नमो हेरम्ब मद मोहित मम् संकटान निवारय-निवारय स्वाहा।
विनायक चतुर्थी किए ये काम, कर देते है श्री गणेशजी को नाराज
1. गणेश जी की पूजा में तुलसी का प्रयोग न करें माना जाता है कि ऐसा करने से श्री गणेशजी क्रोधित हो सकते है। इसका कारण ये माना जाता है कि गणेश जी ने तुलसी को श्राप दिया था और अपनी पूजा से वर्जित कर दिया था
2. विनायक चतुर्थी के दिन गणेश जी की स्थापना के समय उनको अकेला न छोड़ें, वहां पर कोई न कोई अवश्य रहना चाहिए।
3. श्री गणेशजी की पूजा और व्रत में मन, कर्म और वचन से शुद्ध रहना चाहिए, साथ ही ब्रह्मचर्य के नियमों का भी पालन करना चाहिए।
4. गणेश जी की पूजा में दीपक को जलाने के पश्चता दीपक का स्थान बार बार न बदलें और न ही उसे गणेश जी के सिंहासन पर रखें। ऐसा करना शुभ नहीं माना जाता।
5. विनायक चतुर्थी व्रत और पूजा के दिन किसी भी स्थिति में फलाहार में नमक का सेवन न करें।
6. विनायक चतुर्थी पर गणेश जी की स्थापना ऐसे करनी चाहिए कि उनकी पीठ के दर्शन न हों। इसका कारण यह है कि श्री गणेश की पीठ का दर्शन करने से दरिद्रता के आगमन की धार्मिक मान्यता है।
7. श्री गणेशजी की पूजा के किसी भी दिन किसी भी तरह के काले वस्त्र नहीं पहनने चाहिए। इस बात का भी विनायक चतुर्थी पर विशेष ध्यान रखना चाहिए, इसका कारण ये है कि काले रंग को नकारात्मकता का प्रतीक माना जाता हैं।
हिंदू मान्यताओं के अनुसार यदि श्री गणेशजी की आराधना के समय नियमों का सही ढंग से पालन करने के साथ ही कुछ छोटे उपाय भी किए जाएं तो श्रीगणेश जी व्यक्ति के सभी संकटों को हरकर उसकी सभी मनोकामनाओं को पूरी करते हैं।