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Somvati Amavasya: सोमवती अमावस्या पर बन रहा दुर्लभ संयोग, पितरों को खुश करने के लिए जरूर करे यह काम

Somvati Amavasya rare coincidence अप्रैल का महीना बेहद खास है, इस महीने की सोमवती अमावस्या पर दुर्लभ संयोग बन रहा है। यहां जानिए हिंदी कैलेंडर की आखिरी सोमवती अमावस्या का महत्व और पितरों की शांति के लिए क्या करें (chaitra amavasya 2024)।

Apr 07, 2024 / 07:15 pm

Pravin Pandey

सोमवती अमावस्या पर बन रहा दुर्लभ संयोग


पंचांग के अनुसार इन दिनों चैत्र माह चल रहा है। 9 अप्रैल से चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के साथ ही विक्रम संवत 2081 की शुरुआत होगी। इसके साथ ही नवरात्रि की भी शुरुआत हो जाएगी। इससे पहले अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से इस साल की पहली और हिंदी कैलेंडर के अनुसार साल की आखिरी सोमवती अमावस्या 8 अप्रैल को रहेगी। इसके अगले दिन से हिंदू नववर्ष की शुरुआत हो जाएगी। नवरात्रि और नववर्ष के पहले कई सालों बाद सोमवती अमावस्या का संयोग बन रहा है। साथ ही इसी दिन सूर्य ग्रहण पड़कर इस तिथि को और विशेष बना रहा है।

पं. विष्णु राजौरिया का कहना है कि सोमवती अमावस्या का दिन बेहद खास माना गया है। इस दिन स्नानदान करना विशेष शुभ होता है। इस दिन पवित्र तीर्थों में स्नान करने के साथ ही जब भी अमावस्या तिथि सोमवार के दिन आती है तो सोमवती अमावस्या का योग बनता है। साल में बहुत कम बार ऐसा मौका आता है, जब सोमवार को अमावस्या आती है।

सोमवती अमावस्या को स्नानदान के पर्व के रूप में माना जाता है। साथ नवरात्रि से पहले सोमवती अमावस्या और इसी दिन सूर्य ग्रहण से इसका महत्व बढ़ गया है। इस दिन दान पुण्य से कई गुना अधिक फल मिलेगा। साथ ही इस दिन पूर्वजों की आत्मा की तृप्ति के लिए पूर्वजों का श्राद्ध करना चाहिए। इस दिन कालसर्प दोष निवारण पूजा करने का विशेष फल मिलेगा। भगवान शंकर की पूजा विशेष फलदायी होगी।
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इस बार सोमवती अमावस्या के दिन सूर्यग्रहण भी रहेगा, लेकिन यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। इसलिए धार्मिक दृष्टि से इस ग्रहण का कोई असर भारत में नहीं होगा। यह ग्रहण विदेशों में देखा जा सकेगा। पंडितों का कहना है कि ग्रहण दृश्य पर्व होता है, इसलिए जहां यह दिखाई देता है, वहीं पर इसका प्रभाव और सूतक मान्य होता है। यह भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए इसका सूतक हमारे यहां मान्य नहीं होगा।

चैत्र कृष्ण अमावस्या यानी सोमवती अमावस्या की तारीखः सोमवार 8 अप्रैल
अमावस्या का आरंभः 8 अप्रैल सुबह 03:21 बजे
अमावस्या का समापनः 8 अप्रैल रात 11:50 बजे


सूर्योदयः सुबह 06:06 बजे

सूर्यास्तः शाम 06:39 बजे

चंद्रास्तः शाम 06:21 बजे
शुभ योगः इंद्र, शाम 06:14 बजे तक

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