मुख्य अतिथि अजय ङ्क्षसह ने कहा कि, महात्मा गांधी के अथक प्रयासों से हमें 200 सालों की अंग्रेजों की गुलामी से 15 अगस्त 1947 के दिन आजादी मिली। अहिंसा के आंदोलन ने अंग्रेजी हुकूमत की रीड़ तोड़ कर रख दी। हिंसात्मक आंदोलनों को अंग्रेजी सरकार हिंसा के दम पर तोडऩा जानती थी लेकिन जिन आंदोलनों की बुनियाद ही सत्य और अहिंसा पर टिकी हो उसके आगे अंग्रेजी हुकूमत भी बेबस नजर आती थी।
उन्होंने बताया कि 156 देशों ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर डाक टिकट जारी किया है। कार्यक्रम में खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए श्रृति शर्मा, अंजू साहू, कविता शर्मा, शशांक मिश्रा, अतुल यादव, शिवनारायण आदिवासी को शील्ड देकर पुरस्कृत किया गया। मुख्य अतिथि ने कैंटीन का उद्घाटन किया।
कार्यक्रम का संयोजन डा. अखिलेश शुक्ल एवं संचालन डा. भूपेन्द्र सिंह ने किया। कार्यक्रम को सफ ल बनाने में डा.अजय शंकर पांडे, डा.आर एन तिवारी, डा.अमित तिवारी, डा.अनिल तिवारी, डा.के.के.शर्मा, डा. आर पी चतुर्वेदी, डा.संजय सिंह, डा.नागेश त्रिपाठी, डा.रवीन्द्र धुर्वे, डा.महेश शुक्ला, डा.रामेश्वर पांडे, डा. श्रीनाथ पांडे, डा.गायत्री मिश्रा, डा.गिरीश चतुर्वेदी का उल्लेखनीय योगदान रहा।