पुलिस प्रशासन ने आंदोलन के मद्देजनर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए थे। विश्वविद्यालय रोड को बैरिकेडिंग कर बंद कर दिया गया था। इसके साथ ही विवि स्टेडियम को अस्थायी जेल में परिवॢतत किया गया था। दोपहर 2 बजे अधिवक्ताओं का जत्था जैसे ही स्टेडियम पहुंचा पुलिस से हल्की झूमाझटकी शुरू हो गई। कुछ देर बाद अधिवक्ताओं ने स्टेडियम में ही धरना देना शुरू कर दिया। मौके पर मौजूद कार्यपालिक मजिस्ट्रेट के सामने अधिवक्ताओं ने गिरफ्तारी दी। करीब दो घंटे बाद अधिवक्ताओं को रिहा कर दिया गया। जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष राजेन्द्र पांडेय ने कहा, सत्ता के इशारे पर कुछ लोग आंदोलन के बारे में भ्रम फैला रहे हैं। आंदोलन की शुरुआत अधिवक्ताओं की आमसभा की अनुमति से हुई है। यह निर्णायक स्थिति में पहुंचकर ही बंद होगी। आंदोलन की अगुआई राज्य अधिवक्ता परिषद के सदस्य शिवेन्द्र उपाध्याय, जगन्नाथ त्रिपाठी, भूपनारायण सिंह ने की।
मैं शर्मिंदा हूं कि भाजपा का सदस्य हूं स्टेडियम में धरने के दौरान राज्य अधिवक्ता परिषद के सदस्य शिवेन्द्र उपाध्याय ने कहा कि अधिवक्ताओं को शासन प्रशासन लगातार धोखा दे रहा है। मैं भाजपा का सदस्य होने पर शर्मिंदा हूं। रीवा के अधिवक्ता संघ द्वारा शुरू की गई हड़ताल को परिषद का पूरा समर्थन है। हाल ही में परिषद की बैठक में यह प्रस्ताव भी पारित किया गया है कि इस आंदोलन का पूरा समर्थन किया जाता है। उन्होंने कहा कि साथ ही चीफ जस्टिस को पत्र भेजा गया है कि वह मांगों को पूरा करने की कार्रवाई करें।
भारी पुलिस बल रहा तैनात वकीलों के कार्यस्थल पर पहुंचने की चेतावनी को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। विश्वविद्यालय मार्ग पर बैरिकेडिंग की गई थी, जिससे आगे अधिवक्ताओं को नहीं जाने दिया गया। पास ही स्थिति विश्वविद्यालय स्टेडियम में वकीलों को ले जाया गया। मौके पर कई थानों का पुलिस बल और अधिकारी मौजूद रहे। पुलिस लाइन के साथ ही आसपास के थानों का भी बल मंगाया जाएगा।
अनशन पर बैठीं महिला अधिवक्ता हड़ताल पर चल रहे अधिवक्ताओं के क्रमिक अनशन में सोमवार को महिला सदस्यों ने धरना दिया। जिसमें दुर्गेश कुमारी निगम, रामकुमारी सनेह, अर्चना चतुर्वेदी, नीलम चतुर्वेदी, सरोज कुशवाहा, अनुराधा गुप्ता आदि शामिल रहीं। इनका हौसला अफजाई करने के लिए जनसभा को कई वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने संबोधित किया। जिसमें अखंड प्रताप सिंह, राकेश निगम, जनेन्द्र मिश्रा, मुनीन्द्र तिवारी, अच्छेलाल, भागवत सिंह, अजय खरे, दीपक तिवारी, अनूप सिंह, राजेन्द्र सिंह, तुलसीदास मिश्रा, राजेन्द्र तिवारी, सुलभ पांडेय, केबी सिंह, पुरुषोत्तम पाठक, आरबी सिंह सहित कई अन्य शामिल हैं।
कोर्ट बिल्डिंग के निर्माण में सुरक्षा देने खुली अस्थायी पुलिस चौकी इंजीनियरिंग कॉलेज परिसर में बनाए जा रहे कोर्ट की बिल्डिंग में सुरक्षा देने के लिए पुलिस ने अस्थायी पुलिस चौकी खोल दी है। जहां 24 घंटे पुलिस के जवाब निगरानी कर रहे हैं। इस निर्माण का विरोध इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों और वकीलों के साथ ही कई राजनीतिक और सामाजिक संगठनों द्वारा किया जा रहा है। हाईकोर्ट के निर्देश पर बनाई जा रही इस बिल्डिंग के निर्माण का कई बार विरोध हुआ और विवाद की स्थितियां बनी। कोर्ट ने एसपी को सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए निर्देशित किया था। जिसके चलते एसपी ने अस्थाई पुलिस चौकी ही खोल दी है, जिसमें दर्जनभर पुलिसकर्मी तैनात हैं। इसका भी पुरजोर तरीके से विरोध किया जा रहा है। आरोप है कि पुलिस एक ओर अपराधियों की धरपकड़ नहीं कर पाने के पीछे बल की कमी का हवाला देती है और दूसरी ओर ठेकेदार की निर्माण सामग्री की रखवाली के लिए चौकी खोली गई है। हालांकि इस पर पुलिस के अधिकारियों का तर्क है कि विरोध व्यापक होता जा रहा है इस कारण कभी भी कोई अप्रिय घटना हो सकती है। इस वजह से अस्थाई चौकी बनाई गई है।