जिस पर उन्होंने जलसंसाधन विभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर निर्देशित किया कि क्योंटी नहर का पानी बिछिया नदी में छोड़ा जाए। इसके लिए बुधवार से ही पानी छोडऩे का निर्देश दिया है। विभाग के अधिकारियों ने कहा है कि दो दिन के भीतर नदी की धार तेज हो जाएगी। बिछिया नदी में अब तक जो पानी है, वह नदी के स्वयं के स्त्रोत का नहीं है। बाणसागर का पानी जो बीहर नदी में आता है वह किले के पास राजघाट संगम से बिछिया की ओर भी जाता है। इसलिए नदी में इनदिनों पानी की धार उल्टी दिशा से आती है।
पानी स्थिर होने की वजह से नदी में प्रदूषण तेजी के साथ बढ़ा है। जलकुंभी और काई की मात्रा बढ़ी है। कुछ हिस्सों का पानी उपयोग के योग्य नहीं है। नदी में शहर के कई गंदे नाले मिलते हैं, जिसमें नालियों से जाने वाला गंदा पानी नदी में रहता है। अब इसकी धार बहने लगेगी तो पानी भी निर्मल हो जाएगा। नगर निगम आयुक्त सभाजीत यादव ने बताया कि पत्रिका ने बिछिया नदी सफाई अभियान शुरू किया और उनकी मांग पर संभागायुक्त ने जलसंसाधन के अधिकारियों को नदी में बाणसागर का पानी छोडऩे का निर्देश दिया है। इससे पानी साफ होगा।
– गंदे पानी को फिल्टर कर शहर में हो रही सप्लाई
शहर के नालों का पानी बिछिया नदी में जाता है और अखाड़घाट के पास वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के इंटकवेल से गंदा पानी रानीतालाब प्लांट पर जाता है। उसी पानी को फिल्टर कर शहर के कई मोहल्लों में भेजा जाता है। कई बार बीहर नदी का पानी बंद होने से केवल नालों का पानी ही प्लांट तक पहुंचता है, पूर्व में निगम की ओर से नालों को ट्रेप करने का प्रयास किया गया था लेकिन अधिक समय तक इस योजना पर काम नहीं हुआ।
– पत्रिका अमृतं-जलम् से नदी को निर्मल करने लिया था संकल्प
पत्रिका द्वारा चलाए गए अमृतं-जलम् अभियान के तहत बिछिया नदी की सफाई की शुरुआत संभागायुक्त डॉ. अशोक भार्गव और नगर निगम आयुक्त सभाजीत यादव की मौजूदगी में हुई थी। उसी दौरान सबने मिलकर नदी को निर्मल बनाने का संकल्प लिया था। इसी दिशा में दोनों अधिकारियों ने नदी की धारा का प्रवाहमान बनाने के लिए प्रयास किया और अब बाणसागर का पानी इसमें छोडऩे के निर्देश जारी हो गए हैं। इससे नदी में मौजूद कचरा बह जाएगा और पानी निर्मल होगा। पत्रिका की मुहित रंग लाई अब शहर के बड़े हिस्से को नालों का फिल्टर किया हुआ पानी पीने की जरूरत नहीं होगी।