उच्च शिक्षा विभाग का आदेश नजरअंदाज
पूर्व से कार्यरत अतिथि विद्वानों की सेवा प्राध्यापकों की स्थाई नियुक्ति होने तक जारी रहेगी। उच्च शिक्षा विभाग के इस आदेश को बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल व जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर ने महाविद्यालयों के लिए माना है। दोनों ही विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने अतिथि विद्वानों की नियुक्ति पूर्व की भांति नए सिरे से करने का निर्णय लेते हुए विज्ञापन भी जारी कर दिया है।
पूर्व से कार्यरत अतिथि विद्वानों की सेवा प्राध्यापकों की स्थाई नियुक्ति होने तक जारी रहेगी। उच्च शिक्षा विभाग के इस आदेश को बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल व जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर ने महाविद्यालयों के लिए माना है। दोनों ही विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने अतिथि विद्वानों की नियुक्ति पूर्व की भांति नए सिरे से करने का निर्णय लेते हुए विज्ञापन भी जारी कर दिया है।
अधिकारियों ने मांगा लीगल ओपेनियन
इन दो विश्वविद्यालयों में नए सिरे से नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होने के बाद एपीएस विवि के अधिकारी भी अतिथि विद्वानों की नियुक्ति नए सिरे से करने की तैयारी में हैं। इसके लिए विश्वविद्यालय अधिकारियों ने अपने अधिवक्ताओं से लीगल ओपनियन मांगा है। सूत्रों की माने तो लीगल ओपेनियन बहाना है। अधिकारी नए सिरे से नियुक्ति करने की तैयारी में लगे हुए हैं।
पहले दिया आश्वासन, अब असमंजस
गौरतलब है कि विश्वविद्यालय में पूर्व से पदस्थ अतिथि विद्वान उच्च शिक्षा विभाग के उस आदेश को लागू किए जाने की मांग कर रहे हैं, जो महाविद्यालयों के लिए जारी हुआ है। इसके लिए पिछले महीने अतिथि विद्वानों की ओर से धरना प्रदर्शन भी किया गया। उनके आंदोलन के बाद दबाव में आए विश्वविद्यालय प्रशासन ने बिना नियुक्ति प्रक्रिया के उन्हें आगे रेगुलर किए जाने का आश्वासन दिया था। लेकिन अब अधिकारी फिर से असमंजस की स्थिति में हैं।
इन दो विश्वविद्यालयों में नए सिरे से नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होने के बाद एपीएस विवि के अधिकारी भी अतिथि विद्वानों की नियुक्ति नए सिरे से करने की तैयारी में हैं। इसके लिए विश्वविद्यालय अधिकारियों ने अपने अधिवक्ताओं से लीगल ओपनियन मांगा है। सूत्रों की माने तो लीगल ओपेनियन बहाना है। अधिकारी नए सिरे से नियुक्ति करने की तैयारी में लगे हुए हैं।
पहले दिया आश्वासन, अब असमंजस
गौरतलब है कि विश्वविद्यालय में पूर्व से पदस्थ अतिथि विद्वान उच्च शिक्षा विभाग के उस आदेश को लागू किए जाने की मांग कर रहे हैं, जो महाविद्यालयों के लिए जारी हुआ है। इसके लिए पिछले महीने अतिथि विद्वानों की ओर से धरना प्रदर्शन भी किया गया। उनके आंदोलन के बाद दबाव में आए विश्वविद्यालय प्रशासन ने बिना नियुक्ति प्रक्रिया के उन्हें आगे रेगुलर किए जाने का आश्वासन दिया था। लेकिन अब अधिकारी फिर से असमंजस की स्थिति में हैं।
मेरिट व अनुभव के आधार पर होगी नियुक्ति
विश्वविद्यालय सूत्रों की माने तो नए सिरे से शुरू होने वाली नियुक्ति प्रक्रिया में अब की बार साक्षात्कार को शामिल नहीं किया जाएगा। केवल मेरिट व अनुभव के आधार पर नियुक्ति होगी। गत वर्ष नियुक्ति के दौरान आई आपत्तियों के मद्देनजर साक्षात्कार को प्रक्रिया से बाहर किया जा रहा है। आपत्ति रही है कि प्रक्रिया में शामिल साक्षात्कार 50 अंकों का है। साक्षात्कार में चहेतों को अधिक अंक देकर उनकी नियुक्ति कर ली जाती है।
विश्वविद्यालय सूत्रों की माने तो नए सिरे से शुरू होने वाली नियुक्ति प्रक्रिया में अब की बार साक्षात्कार को शामिल नहीं किया जाएगा। केवल मेरिट व अनुभव के आधार पर नियुक्ति होगी। गत वर्ष नियुक्ति के दौरान आई आपत्तियों के मद्देनजर साक्षात्कार को प्रक्रिया से बाहर किया जा रहा है। आपत्ति रही है कि प्रक्रिया में शामिल साक्षात्कार 50 अंकों का है। साक्षात्कार में चहेतों को अधिक अंक देकर उनकी नियुक्ति कर ली जाती है।
फैक्ट फाइल
152 अतिथि विद्वानों की होनी है नियुक्ति
55 स्ववित्तीय पाठ्यक्रम हैं संचालित
94 अतिथि विद्वान स्ववित्तीय पाठ्यक्रम में
58 अतिथि विद्वान नियमित पाठ्यक्रम में
152 अतिथि विद्वानों की होनी है नियुक्ति
55 स्ववित्तीय पाठ्यक्रम हैं संचालित
94 अतिथि विद्वान स्ववित्तीय पाठ्यक्रम में
58 अतिथि विद्वान नियमित पाठ्यक्रम में