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रीवा

विश्वविद्यालय कर्मचारियों की मांगे नहीं हुई पूरी, जारी रहेगी हड़ताल

– कुलपति एवं कर्मचारी संगठन के बीच करीब तीन घंटे तक चली वार्ता बेनतीजा
 

रीवाJan 27, 2020 / 12:15 pm

Mrigendra Singh

rewa

apsu rewa, convocation in awdhesh pratap singh university


रीवा। अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय में प्रशासन और कर्मचारियों के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है। पूर्व से की गई घोषणा के तहत कर्मचारियों ने सुबह से ही कार्य का बहिष्कार कर दिया। मुख्य गेट के बाहर जुटे कर्मचारियों ने नारेबाजी की और प्रशासन पर आरोप लगाए गए कि जानबूझकर कर्मचारियों की मांगों की अनदेखी की जा रही है। प्रदर्शन के बाद दोपहर कर्मचारी संघ के अध्यक्ष बुद्धसेन पटेल एवं अपाक्स संगठन के अध्यक्ष रामसुजान साकेत सहित अन्य कर्मचारी नेताओं ने प्रेसकांफ्रेंस कर अपनी मांगें रखी। जिसमें कहा कि सातवें वेतनमान के एरियर्स का आदेश शासन ने जारी कर दिया है। जिसमें सभी नगरीय निकायों और अन्य विश्वविद्यालयों ने भी प्रदान कर दिया है। अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय लगातार भुगतान से पीछे हट रहा है। इतना ही नहीं कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि पूर्व में वित्त नियंत्रक रहीं पुष्पा सोनवानी को सातवें वेतनमान का एरियर्स विश्वविद्यालय कोष से प्रदान किया गया है। जब एक अधिकारी को दिया जा सकता है तो दूसरों के साथ करने में प्रबंधन क्यों पीछे हट रहा है। कर्मचारी संघ अध्यक्ष बुद्धसेन पटेल ने कहा कि कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन हर बार तर्क देता है कि आर्थिक तंगी की वजह से परेशानी हो रही है। कर्मचारियों की ओर से विश्वविद्यालय प्रशासन पर यह भी आरोप लगाया गया है कि एक जनवरी २०२० से अब तक पांच फिक्स डिपाजिट करीब दो करोड़ रुपए के विश्वविद्यालय प्रशासन ने तोड़े हैं। इस राशि से फिजूलखर्ची की जा रही है।
– तीन घंटे तक चली बैठक
कर्मचारियों द्वारा विरोध प्रदर्शन तेज करने के बाद कुलपति प्रो. पीयूषरंजन अग्रवाल ने कर्मचारी नेताओं को वार्ता के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने समझाइश दी कि सातवें वेतनमान के एरियर्स का मामला शासन स्तर का है। वहां से अनुमति मिलने के बाद ही इस पर कार्रवाई होगी। कर्मचारी लगातार इस बात पर अड़े रहे कि पूर्व वित्त नियंत्रक को कैसे वेतनमान के एरियर्स का भुगतान कर दिया गया। सायं चार बजे से करीब सात बजे तक बैठक चली। कुलपति लगातार कर्मचारियों से आंदोलन पर नहीं जाने की अपील कर रहे थे। पूर्व कुलपति प्रो. रहस्यमणि मिश्रा ने भी कर्मचारियों से भी काम पर लौटने की अपील की लेकिन कर्मचारी अपनी मांगों पर अड़े रहे।
– दीक्षांत समारोह पर असर
कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से विश्वविद्यालय में २८ जनवरी को होने वाले दीक्षांत समारोह पर भी असर पड़ेगा। कार्यक्रम की तैयारियां भी कर्मचारियों के आंदोलन की वजह से ठप हो गई हैं। हालांकि कुलपति ने कहा है कि उनका प्रयास है कि कार्यक्रम में कोई असर नहीं पड़े।
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