ये हैं प्रमुख मुद्दे
त्योंथर में 100 बिस्तर अस्पताल, टमस नदी में झूला पुल, सडक़ों का कायाकल्प, ऐरा पर रोक लगाने जैसे मुद्दे अहम हैं। इनको लेकर कोई पार्टी सक्रिय नहीं है। congrass mathematics” src=”https://new-img.patrika.com/upload/2018/04/15/images-3-224x198_3379365-m.jpg”>
* कौशलेश तिवारी-विधायक पुत्र।
* श्यामलाल द्विवेदी-जिला उपाध्यक्ष।
* देवेन्द्र सिंह-प्रदेश कार्य समिति सदस्य।
* राजेन्द्र गौतम-वरिष्ठ नेता
कांग्रेस से ये हैं उम्मीदवार
* रमाशंकर सिंह- पूर्व प्रत्याशी
* अशोक मिश्रा- वरिष्ठ नेता।
* लक्ष्मीशंकर मिश्र- वरिष्ठ नेता।
* सौरभ मिश्र- युवा नेता।
इनकी भी है दावेदारी
त्योंथर विधानसभा क्षेत्र में बसपा से गीता मांझी, दिनेश मिश्र, विकास पटेल, आप से अरविंद केशरवानी, सपा से बीरेन्द्र पटेल, त्रिनेत्र शुक्ला सहित प्रभाकर सिंह, शिवरतन नामदेव, सत्या देवी भी दावेदारों में हैं।
जातिगत समीकरण
त्योंथर विधानसभा ब्राह्मण बाहूल्य है। यहां 60 हजार ब्राह्मण, हरिजन-आदिवासी 58 हजार, कुर्मी 25 हजार। क्षत्रिय लगभग 12 हजार हैं। इसके बाद अन्य पिछड़ा एवं मुस्लिम मतदाता भी आते हैं। हालांकि यहां व्यापारी वर्ग निर्णायक की भूमिका में आ जाता है। उनको लगभग 15 हजार वोट होगा।
चुनौतियां
भाजपा को सत्ता परिवर्तन की लहर से निपटने की बड़ी चुनौती होगी। साथ ही विधायक की निष्क्रियता का भरोसा दिलाना कठिन होगा। वहीं कांग्रेस के लिए जातीय समीकरण बिठाने के साथ ही जनता को विकास का भारोसा देना होगा। हालांकि बसपा से निपटना भी इनके लिए चुनौती होगी।
विधायक की परफॉर्मेंस
पिछले पांच साल में विधायक ने ऐसे कोई कार्य नहीं किए जिसको उनकी परफार्मेंस से जोडक़र देखा जा सके। समयस्याएं जस की तस हैं। दस में यह क्षेत्र विकास में काफी पीछे गया। टमस नदी पर पुल एवं उपजेल का शुभारंभ जनता के आंदोलन का परिणाम है। समाजसेवी रमेश सिंह बताते हैं कि पिछले दस साल में विधायक पूरी तरह से निष्क्रिय रहे, योजनाओं का क्रियान्वयन नहीं हुआ। जनता समस्याओं से जूझ रही है।