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अतिथि विद्वानों के लिए बड़ी खबर, उच्च शिक्षा विभाग ने पूरी की 25 वर्षों की लंबित मांग, जानिए सरकार ने जारी किया क्या आदेश

पूर्व के नियुक्तिप्रक्रिया में किया परिवर्तन…

रीवाJun 28, 2018 / 12:07 pm

Ajeet shukla

Atithi Vidwan get fixed payment, change appointment process in college

Atithi Vidwan get fixed payment, change appointment process in college

रीवा। शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत अतिथि विद्वानों के लिए खुशखबरी है। अब अतिथि विद्वानों को कालखंड (कक्षा) के आधार पर नहीं बल्कि हर महीने एक निश्चित मानदेय का भुगतान किया जाएगा। उच्च शिक्षा विभाग ने उनकी नियुक्ति और भुगतान की प्रक्रिया में परिवर्तन करते हुए प्राचार्यों को निर्देश जारी कर दिया है।
12 महीने के लिए होगी नियुक्ति
क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक व महाविद्यालय प्राचार्यों के लिए जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि अब अतिथि विद्वानों को तीन वर्ष तक के लिए नियुक्त किया जा सकेगा। नियुक्ति 12-12 माह के लिए तीन हिस्सों में होगी। अतिथि विद्वानों की नियुक्ति के बावत पात्रता विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से सहायक प्राध्यापकों के लिए निर्धारित पात्रता के अनुरूप होगी। नियुक्ति भी महाविद्यालय में स्वीकृत रिक्त पदों के अनुरूप होगी। अतिथि विद्वानों की नियुक्ति रिक्त पद पर नियमित नियुक्ति होने या फिर स्थानांतरण के जरिए भरे जाने तक के लिए ही मान्य होगी।
एक दिवस का मिलेगा 1500 रुपए
मानदेय के संबंध में स्थानीय अधिकारियों के लिए उच्च शिक्षा विभाग के अवर सचिव वीरन सिंह भलावी ने निर्देश दिया है कि अतिथि विद्वानों को अब प्रति माह न्यूनतम 30 हजार रुपए का मानदेय दिया जाएगा। एक दिवस का मानदेय 1500 रुपए निर्धारित किया गया है। अतिथि विद्वानों को शैक्षणिक कार्यों के साथ वह सारे कार्य करने होंगे, जो सहायक प्राध्यापकों व प्राध्यापकों के लिए निर्धारित किया गया है।
नियुक्ति की अब तक रही है यह प्रक्रिया
पूर्व में अतिथि विद्वानों की नियुक्ति प्रतिवर्ष 11 माह के लिए की जाती रही है। उन्हें प्रति कालखंड (कक्षा) का 275 रुपए दिया जाता रहा है। एक दिन में अतिथि विद्वान के लिए अधिकतम तीन कालखंड निर्धारित किया जाता रहा है। उच्च शिक्षा विभाग की ओर से व्यवस्था में किया गया बदलावा हाइकोर्ट के पूर्व में जारी एक आदेश के मद्देनजर माना जा रहा है।
महाविद्यालय प्राचार्य करेंगे कार्य का मूल्यांकन
नई व्यवस्था के तहत अतिथि विद्वान एक दिवस में न्यूनतम सात घंटे कार्य करेगा। अतिथि विद्वानों के कार्य का मूल्यांकन उस महाविद्यालय के प्राचार्य करेंगे, जहां अतिथि विद्वान की नियुक्ति होगी। प्राचार्य के मूल्यांकन और रिपोर्ट के आधार पर ही अतिथि विद्वान को आगे के शैक्षणिक सत्र के लिए पात्र माना जाएगा। इसके अलावा विभाग अलग से वार्षिक मूल्यांकन करेगा।

फैक्ट फाइल :-
450 अतिथि विद्वान रीवा व शहडोल संभाग में
325 अतिथि विद्वानों की संख्या रीवा संभाग में
125 अतिथि विद्वानों की संख्या रीवा जिले में
150 अतिथि विद्वानों की संख्या एपीएस विवि में

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