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शहर काजी ने आतंकवाद को लेकर बोली ये बात, कलेक्ट्रेट में लगने लगे नारे

locationरीवाPublished: Feb 20, 2019 12:39:53 pm

Submitted by:

Rajesh Patel

शहर काजी के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचे मुस्लिम समाज ने राष्ट्रपति को संबोधित कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन, कहा…

Attack on CRFF jawans in Pulwama

Attack on CRFF jawans in Pulwama

रीवा. पुलवामा में सीआरफीएफ जवानों पर हुए हमले को लेकर भारी असंतोष है। मंगलवार को मुस्लिम समाज ने भी आतंकी हमले की निंदा की है। छोटी दरगाह में बैठक के बाद सामूहिक रूप से कलेक्टे्रट पहुंचे। कलेक्टर ओपी श्रीवास्तव को राष्ट्रपित को संबोधित तीन सूत्रीय मांगों का ज्ञापन देकर आतंकवाद के खिलाफ सेना को पूर्ण अधिकार देने की मांग उठाई है।
शहीदों को अर्पित की श्रद्धांजलि
शहर काजी मुफ्ती मो. मुबारक अजहरी की अगुवाई में छोटी दरगाह में बैठक कर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस दौरान शहर काजी ने कहा कि आतंकवाद का कोई मजहब नहीं होता है। इसे योजनाबद्ध तरीके व सख्ती से कुचलने के लिए सेना को पूर्ण अधिकार दिया जाए और उन्हें सुविधाएं मुहैया कराई जाएं। चंद आतंकी अमन व इंसानियत को पैगाम देने वाले स्लाम मजहब को बदनाम कर रहे हैं। इस दौरान मुस्लिम समुदाय के लोगों ने कहा, हमले की जांच कराकर दोषी देश को बेनकाब किया जाए।
शहीद परिवार के युवाओं को सेना में नियुक्त करने उठाई मांग
शहीद परिवारों को सुविधा दी जाए और उनके परिवार में सेना में जाने योग्य युवाओं को नौकरी दी जाए। इसके बाद शहर काजी एवं जिला शरीयत हिलाल कमेटी रीवा के अगुवाई में कलेक्ट्रेट में ज्ञापन सौंपा गया। इस दौरान शहर काजी मुफ्ती मोहम्मद मुबारक अजहरी ने कहा आतंकी संगठन और उनके सहयोगी भारत की संप्रभुता को कमजोर करने में लगे हैं। देश में अमन व इंसानियत का पैगाम देने वाले इस्लाम मजहब को बदनाम करने के लिए ही देश के कौमी भाईचारे को समाप्त करना चाहते हैं जो निंदनीय है।
आतंकवादियों को कड़ी सजा दिलाने उठाई मांग
शहर काजी ने आतंकवाद में लिप्त लोगों के खिलाफ कड़ी से कड़ी सजा की मांग उठाई है। मुस्लिम समाज ने कहा कि शहीद सैनिकों के परिवारों को पर्याप्त सहायता एवं सुविधा दी जाए उनके परिवार का कोई सदस्य सेना में जाने योग्य है तो उसे सेना में शामिल किया जाए यदि वह अन्यत्र शासकीय सेवा करना चाहता तो उसे अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जाए। इस दौरान जिला शरीयत हिलाल कमेटी के सदस्य सहित अन्य मजिस्दों के सदस्यों के साथ ही महमूद खान, मो. मकसूद, लल्लनखान, मौलाना जैनुल आब्दीन, मो. समीम, अनशअब्बासी, मो. मुस्लिम सोनू, सहित मुस्लिम समाज के अन्य लोग शामिल रहे।
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