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रीवा में कैंसर वार्ड को चाहिए ‘आक्सीजन’

संजय गांधी अस्पताल का मामला, कैंसर वार्ड में नहीं है व्यवस्था, सर्जरी वार्ड के भरोसे क्रिटिकल केस

रीवाMay 19, 2018 / 12:10 pm

Dilip Patel

रीवा. कैंसर रोगियों को विंध्य के सबसे बड़े संजय गांधी अस्पताल के कैंसर वार्ड में आक्सीजन नहीं मिल पा रही है। वेंटीलेटर पर रखने के लिए कभी मेडिसिन तो कभी सर्जरी वार्ड में भर्ती क रना पड़ रहा है।

शहर की 37 वर्षीय महिला मरीज को कैंसर की अंतिम अवस्था में परिजन संजय गांधी अस्पताल लेकर पहुंचे। गंभीर अवस्था में उसे मेडिसिन के गंभीर रोगी वार्ड में भर्ती कराया गया। लेकिन कुछ ही देर बार डॉक्टरों ने कैंसर वार्ड ले जाने के लिए कह दिया। परिजन रेडियोथैरेपी यूनिट पहुंचे और आशा कैंसर एजेंसी के जिम्मेदारों से मिले। कैंसर वार्ड में आक्सीजन सप्लाई न होने के कारण रोगी को वार्ड में लेने से इंकार कर दिया गया। जिसके बाद रोगी को सर्जरी के वार्ड में भर्ती किया गया। दरअसल, 40 बेड के कैंसर वार्ड में आक्सीजन सप्लाई की पाइप लाइन ही नहीं है। सिलेंडर की आक्सीजन के इंतजाम भी नहीं है। ऐसे में यहां वेंटीलेटर जैसी सुविधाएं कैंसर रोगियों को दे पाना संभव नहीं है। पल्स आक्सीमीटर जैसी मशीनें वार्ड में नजर नहीं आती हैं जबकि कैंसर क्रिटिकल ट्रीटमेंट में आता है। ये सुविधाएं प्राथमिकता में होनी चाहिए।
आउटसोर्स पर यूनिट, फिर भी बदहाल
रेडियोथैरेपी विभाग अंतर्गत कैंसर यूनिट आउटसोर्स पर आशा कैंसर एजेंसी को सुपुर्द है। करीब तीन साल होने वाले हैं। मेडिकल कॉलेज और अस्पताल प्रबंधन मूलभूत सुविधाएं यहां मुहैया कराने को लेकर गंभीर नहीं है। आक्सीजन जैसी सुविधा न होने से विंध्य के सतना, सीधी, सिंगरौली, रीवा, अनूपपुर, उमरिया, शहडोल और पन्ना से आने वाले गरीब कैंसर रोगी जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष करते हैं।
प्रशासनिक अधिकारियों ने फेरा मुंह
कैंसर के इलाज के नाम पर करोड़ों रुपए के व्यारे-न्यारे हो गए लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों ने भी यूनिट की चिकित्सीय सेवाओं की मानीटरिंग नहीं की। एजेंसी इलाज के नाम पर क्या कर रही है। कौन सी सेवाएं उपलब्ध हैं इससे किसी को लेना-देना ही नहीं है। कमिश्नर और कलेक्टर भी कैंसर जैसे उपचार के मामले में खामोश बने रहे।
इधर डीन ने थमाई नोटिस
आशा कैंसर एजेंसी ने बिजली बिल और किराए का भुगतान लंबे समय से नहीं किया है। करीब दस लाख रुपए की बकायेदारी है। जिसे लेकर श्यामशाह मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. पीसी द्विवेदी ने नोटिस जारी की है। एजेंसी अस्पताल का एक बड़े हिस्से का उपयोग कर रही है। रेडियोथैरेपी की कोबाल्ट मशीन सहित अन्य मशीनों का उपयोग किया जाता है। जिससे अच्छा-खासा बिजली का बिल आ रहा है। मेडिकल कॉलेज प्रबंधन पर भार बढ़ रहा है।
फैक्ट फाइल
०5 हजार से ज्यादा कैंसर रोगी विंध्य क्षेत्र में।
०2 कैंसर रोगी औसतन रोज होते हैं भर्ती।
०2 कैंसर विशेषज्ञ हैं रेडियोथैरेपी यूनिट में ।
4० बेड हैं कैंसर वार्ड में।

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