विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से अब तक केवल बीकॉम ऑनर्स प्रथम वर्ष का परिणाम जारी किया जा सका है। बाकी के दूसरे पाठ्यक्रमों का परीक्षा परिणाम अधर में लटका है। विश्वविद्यालय अधिकारी इसके लिए कॉलेज प्राचार्यों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। अधिकारियों की माने तो कॉलेजों ने छात्रों के प्रायोगिक परीक्षा व कॉलेज स्तर पर आयोजित आंतरिक मूल्यांकन का अंक नहीं भेजा है जिससे परीक्षा परिणाम जारी करना संभव नहीं हो पा रहा है।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने कॉलेज प्राचार्यों की इस उदासीनता के मद्देनजर अल्टीमेटम जारी किया है। विश्वविद्यालय की ओर से कॉलेजों को जारी निर्देश में कहा गया है कि जल्द ही छात्रों के अंक विश्वविद्यालय को उपलब्ध नहीं कराए गए तो इसके लिए कॉलेज प्राचार्यों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही संबंधित कॉलेज का परीक्षा परिणाम रोक दिया जाएगा।
विश्वविद्यालय की ओर से सभी पाठ्यक्रमों के परीक्षा परिणाम जारी करने की डेडलाइन 15 जून निर्धारित की गई है लेकिन बचे समय में नहीं जान पड़ता है कि अधिकारी निर्धारित समय में सभी पाठ्यक्रमों का परीक्षा परिणाम जारी कर सकेंगे। क्योंकि अभी अधिकारियों को बीकॉम ऑनर्स प्रथम वर्ष को छोड़ कर सभी पाठ्यक्रमों के वार्षिक व सेमेस्टर परीक्षा का परिणाम जारी करना होगा।
विश्वविद्यालय की ओर से परीक्षा परिणाम जारी करने में हुई लेटलतीफी का खामियाजा उन छात्रों को भुगतना पड़ेगा, जो स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में प्रदेश के बाहर दूसरे राज्य के विश्वविद्यालयों में प्रवेश लेना चाहते हैं। बिना परीक्षा परिणाम जारी हुए छात्रों के लिए प्रवेश लेना संभव नहीं हो सकेगा। छात्रों को यहां राज्य के विश्वविद्यालयों में भी प्रवेश लेने में समस्या होगी। क्योंकि प्रवेश मेरिट से होने हैं।