रीवा

आजाक हॉस्टलों में कड़ाके की ठंड में ठिठुर रहे छात्र, सैकड़ों छात्रों ने छोड़ा छात्रावास

जिले के दर्जनभर से ज्यादा छात्रावासों में फटे कंबल और जूट के गद्दे, छात्रावासों के गोदाम में धूल खा रहे नए गद्दे

रीवाDec 18, 2018 / 12:23 pm

Rajesh Patel

Children in the Primitive Jatiya Welfare Department’s Hostels

रीवा. जिले में आला अफसरों की अनदेखी के चलते आदिम जाति कल्याण विभाग के हॉस्टलों में बच्चे ठिठुर रहे हैं। छात्रावास में कंबल और बेड पर जर्जर जूट के गद्दे पर छात्र जैसे-तैसे सर्दी से जंग लड़ रहे हैं। सोमवार को गलत बढऩे और शीतलहर के कारण सैकड़ों छात्र छात्रावास छोड़ कर घर चले गए। कड़ाके की ठंड के बाद भी ज्यादातर हॉस्टलों की व्यवस्था चौकीदार और खानसामा के भरोसे चल रही है। जिम्मेदार अनजान बने हुए हैं।
बच्चे छात्रावास छोड़ कर घर चले गए

सोमवार सुबह से ही मौसम का पारा 04 डिग्री सेल्सियस के आस-पास रहा, शीतलहर के चलते लोग घरों में दुबके रहे। जिला मुख्यालय पर झिरिया स्थित शासकीय अनुसूजित जाति जूनियर बालक छात्रावास परिसर में शाम 4.45 बजे छात्र दो अलग-अलग टुकड़ी में गिल्ली-डंडा खेलने में व्यस्त रहे। उन्हें शाम को चार बजे मिलने वाला नास्ता भी नसीब नहीं हो सका। हॉस्टल में दिनभर अधीक्षक नहीं थे। शाम करीब 5 बजे खानासामा संजीव बंसल पहुंचा। पूछने पर बताया कि आज नास्ता शाम को 5 बजे लायी-चना दिया जाएगा। हर रोज सुबह और शाम को पांच बजे ही नास्ता दिया जाता है। छात्रावास में अव्यवस्था के कारण पिछले कई दिनों से ठंड के कारण 40 सीटर हॉस्टल में महज 35 छात्र बचे हुए हैं। कड़ाके की ठंड बढऩे के कारण शेष बच्चे छात्रावास छोड़ कर घर चले गए। छात्रों के अनुसार अधीक्षक हरीश तिवारी शाम को आते हैं। दिनभर चौकीदार अंकल रहे हैं।
पचास फीसदी से ज्यादा छात्रावास की स्थिति इससे भी बदत
ये कहानी अकेले इस छात्रावास की नहीं है, ये तो एक बानगी है। जिले में 95 से अधिक छात्रावास हैं। पचास फीसदी से ज्यादा छात्रावास की स्थिति इससे भी बदतर है। ठंड बढऩे से रायपुर कर्चुलियान, देवतालाब, नईगढ़ी, मऊगंज, जवा, त्योंथर, लालगांव, गोविंदगढ़, जडक़ुड़ आदि जगहों पर स्थित एससी-एसटी के छात्र छात्रावास को छोड़ कर घर चले गए।
बेड पर फटे जूट के गद्दे, कंबल गायब
अफसरों की नाक के नीचे हॉस्टल के बेड पर छात्र फटे जूट के गद्दे और कंबल में जैसे-जैसे कड़ाके की डंठ में रात गुजार रहे हैं। झिरिया स्थित अनुसूचित जाति छात्रावास के कक्ष क्रमांक-२ में छह से अधिक बेड हैं। चार बेड के गद्दे पूरी तरह फटे हुए गए हैं। छात्र जूट को एकत्रित कर बिस्तार को ठीक करने में व्यस्त हैं। अव्यवस्था के चलते छात्रों की पढ़ाई-लिखाई चौपट हो गई है। इस छात्रावास के ज्यादातर कमरे में बेड पर बिस्तर फटे हुए हैं। छात्रों ने बताया कि कुछ बेड पर नए जूट के डल्लप लगाए गए हैं।
छात्रावास के गोदाम में धूल खा रहे जूट के गद्दे
छात्रावास में छात्रों के लिए बेड पर जूट के गद्दे-फटे हुए हैं। खानसामा बंसल ने बताया कि गोदाम की चाभी हमारे पास नहीं है, गोदाम में नए गद्दे रखे हुए हैं। कंबल की डिमांड जिला कार्यालय में भेजी गई है। कुछ बच्चों को बांटे गए हैं। इसी तरह ज्यादातर हॉस्टलों की व्यवस्था है। इस बावत अधीक्षक हरीश तिवारी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि २० गद्दे बांट दिए गए हैं, अभी ३० गद्दे नहीं आए हैं। आने के बाद तत्काल बांट दिए जाएंगे।

वर्जन…
चुनाव के बाद भोपाल ट्रेनिंग में चला गया था, सोमवार को कार्यालय पहुंचे हैं। जानकारी नहीं है। अगर ऐसा है तो दिखवाता हूं।
राजेन्द्र जावट, जिला संयोजक, आदिम जाति कल्याण विभाग
 
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