परिषद की स्वीकृति मिलने के बाद इसकी आगे की तैयारियां प्रारंभ की जाएंगी। अभी तक छात्रों को हर संकाय में निर्धारित ग्रुप के विषयों के पाठ्यक्रम लेने होते हैं लेकिन सीबीसीएस में विकल्प आधारित व्यवस्था होगी। छात्र अपनी मर्जी से कोई दूसरा विकल्प चुन सकेगा। इसमें एक से अधिक प्रश्रपत्र चुनने की अनुमति रहेगी। कुछ विषय ऐसे होंगे जिन्हें लेना अनिवार्य होगा, विकल्प के लिए आधे विषयों को रखा जाएगा। इसके प्रारूप को तैयार करने के लिए प्रोफेसर्स की टीम अध्ययन करेगी फिर लागू होगा। बता दें कि सीबीसीएस प्रणाली वर्तमान छात्रों पर लागू नहीं होगी। इसके तहत प्रवेश अगले शिक्षण सत्र से शुरू की जाएगी। इसलिए कालेज में पूरी तरह से आगामी कुछ वर्षों तक यह व्यवस्था लागू नहीं होगी।
वर्तमान छात्र जब पास होकर चले जाएंगे तब नई प्रणाली के छात्रों में ही पूरा कालेज सीबीसीएस प्रणाली पर चलेगा। अकादमिक परिषद की बैठक में इ-सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम सहित अन्य कई महत्वपूर्ण एजेंडों को स्वीकृति दी गई। अकादमिक परिषद की बैठक में कालेज के प्राचार्य प्रो. रामलला शुक्ला, अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के प्रो. एनपी पाठक, डॉ अर्चना गुप्ता, प्रो. डीआर शाह सहित अन्य कई सदस्य मौजूद रहे।
– यूजीसी ने बनाया मेंटर कालेज
अकादमिक परिषद में बताया गया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने ठाकुर रणमत सिंह महाविद्यालय को मेंटर महाविद्यालय घोषित किया है। इसके तहत रीवा और शहडोल संभाग के छह कालेजों को मॉडल कालेज के रूप में आगे बढ़ाने में टीआरएस कालेज मदद करेगा। इसमें प्रमुख रूप से शासकीय महाविद्यालय जैतहरी, शासकीय महाविद्यालय जैतपुर, शासकीय महाविद्यालय पाली-बिरसिंगपुर, शासकीय महाविद्यालय जयसिंहनगर, शासकीय महाविद्यालय मझौली एवं कोतमा को नैक की ग्रेडिंग के लिए तैयार करेगा। साथ ही इन कालेजों की शिक्षा पद्धति को आधुनिक बनाने का भी काम किया जाएगा।