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सोलर पॉवर प्लांट के लिए फिर शुरू हुई भूमि की तलाश, क्योंटी में 350 मेगावाट का प्रोजेक्ट लगने का रास्ता साफ

– डभौरा एवं मऊगंज क्षेत्र के कई हिस्सों में राजस्व विभाग से जानकारी मांगी गई- क्योंटी में 350 मेगावॉट क्षमता के पॉवर प्लांट लगाने की चल रही है तैयारी

रीवाSep 16, 2020 / 12:12 pm

Mrigendra Singh


रीवा। सोलर पॉवर प्लांट की सफलता के बाद रीवा जिले में इसके नए विकल्पों की तलाश भी शुरू कर दी गई है। जिले के कई हिस्सों में नया सोलर पॉवर प्लांट लगाने के लिए भूमि की तलाश की जा रही है। इसके लिए राजस्व के अधिकारियों से संपर्क कर प्लांट के लायक भूमि की जानकारी चाही गई है। बीते दस जुलाई को अल्ट्रा मेगा सोलर पॉवर प्लांट का लोकार्पण प्रधानमंत्री के हाथों हो चुका है। उन्होंने इस प्रोजेक्ट की तारीफ करते हुए कहा था कि सोलर एनर्जी के क्षेत्र में यह प्लांट राह दिखाने का काम करेगा। इसके बाद नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग ने रीवा के साथ ही प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी भूमि की तलाश शुरू कर दी है।
रीवा जिले में डभौरा, मऊगंज, हनुमना, सिरमौर, सेमरिया आदि क्षेत्रों में प्रारंभिक रूप से संभावना मानी जा रही है कि भूमि का बड़ा हिस्सा खाली है, जहां पर सोलर पॉवर प्लांट स्थापित किया जा सकता है। बदवार पहाड़ में लगाया गया ७५० मेगावॉट क्षमता का अल्ट्रामेगा सोलर पॉवर प्लांट पथरीली और बंजर भूमि में लगाया गया है। इस स्थान पर कोई दूसरा उपयोग भूमि का नहीं किया जा सकता था। इसलिए प्रशासन यह तलाश करेगा कि ऐसी भूमि को पहले देखा जाए जहां पर खेती की संभावन नहीं है।
– क्योंटी में मिल चुकी है भूमि
जिले के क्योंटी के पास 350 मेगावॉट क्षमता का पॉवर प्लांट लगाने का रास्ता साफ हो गया है। इसका परीक्षण करने के बाद रिपोर्ट शासन को भेजी गई है। जहां से कुछ तकनीकी कमियां थी उन्हें सुधारने के बाद फिर से कैबिनेट की स्वीकृति के लिए भेजा गया है। बताया गया है कि जिस भूमि पर सोलर पॉवर प्लांट लगाने का प्रस्ताव भेजा गया है, वर्तमान में वह राजस्व और वन विभाग की भूमि है। इस भूमि का कुल रकबा 728.361 हेक्टेयर है। जिसमें 17.603 हेक्टेयर वन भूमि का हिस्सा भी शामिल है। प्लांट के लिए 23.067 हेक्टेयर निजी भूमि का भी अधिग्रहण करना होगा। इससे जुड़े दस्तावेज भी प्रस्ताव के साथ शासन को भेजे गए हैं।

– 350 मेगावॉट के प्लांट में होंगी दो इकाइयां
ैक्योंटी में प्रस्तावित सोलर पॉवर प्लांट दो इकाइयों में लगाने की तैयारी है। इसके एक हिस्से में 346.873 हेक्टेयर भूमि है और दूसरे हिस्से में 358.421 हेक्टेयर भूमि है। प्लांट के लिए निजी भूमि का भी अधिग्रहण प्रस्तावित किया गया है। बताया जा रहा है कि एक इकाई 200 मेगावॉट और दूसरी 150 मेगावॉट उत्पादन क्षमता की होगी।

– सोलर एनर्जी का मॉडल बन गया रीवा
सोलर एनर्जी के क्षेत्र में रीवा मॉडल के रूप में पेश किया जा रहा है। बदवार पहाड़ में स्थापित 750 मेगावॉट क्षमता का प्लांट केन्द्र सरकार का माडल प्रोजेक्ट भी रह चुका है। गत वर्ष पूर्व सोलर समिट में दुनिया भर के देशों को यह बताया गया कि ऐसी भूमि का सोलर पॉवर प्लांट के लिए उपयोग किया गया है, जो न तो कृषि के योग्य है और न ही यहां पर किसी तरह को पेड-़पौधे तैयार किए जा सकते थे। इसी प्रजेंटेशन के बाद कई देशों ने अब बंजर भूमि को सोलर प्लांट के रूप में प्रयोग करने करने का निर्णय लिया है। इसी के तहत क्योंटी में भी जो प्लांट लगाने की तैयारी है, उस भूमि का भी कोई उपयोग नहीं हो रहा है। अन्य स्थानों पर ऐसी ही भूमि तलाशी जा रही है। प्रदेश सरकार ने रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर(रम्स) के नाम से संयुक्त वेंचर स्थापित किया है। जो प्रदेश के सभी सोलर प्लांटों की निगरानी करेगा।
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अल्ट्रा मेगा सोलर पॉवर प्लांट की सफलता के बाद जिले के अन्य हिस्सों में भी संभावनाएं तलाशी जा रही हंै। क्योंटी में 350 मेगॉवाट के प्लांट का प्रस्ताव पहले ही भेजा गया है, अब इसी तरह अन्य स्थानों पर भी भूमि तलाशी जा रही है। प्रयास है कि गैर कृषि भूमि को प्राथमिकता दी जाए।
एसएस गौतम, जिला अक्षय ऊर्जा अधिकारी
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