रीवा जिले में इतना बड़ा भूखंड किसी भी स्कूल के पास नहीं है। जिसके चलते लगातार अड़चनें आ रही हैं। यही कारण है कि अब तक स्कूलों का निर्धारित समय पर शुभारंभ नहीं हो पाया है। सरकार का दावा था कि एक अप्रेल से यह स्कूलें प्रारंभ हो जाएंगी। यह तिथि जल्द ही आने वाली है लेकिन अभी व्यवस्थाएं काफी पीछे हैं। हर ब्लाक में एक ऐसा स्कूल खोला जाना है जो प्राइवेट स्कूलों की तरह बच्चों की नर्सरी से पढ़ाई कराएगा। साथ ही कैम्पस भी प्राइवेट स्कूलों से बेहतर नजर आएगा। जहां पर खेल मैदान, पार्क, कक्षाएं आदि सब कुछ आधुनिक होगा।
शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि एक अप्रेल से तो इन स्कूलों की शुरुआत होना मुश्किल है। उसके बाद सरकार सभी व्यवस्थाओं की समीक्षा के बाद पूरे प्रदेश में एक साथ शुरुआत कराएगी। रीवा शहर की पीके कन्या स्कूल को सीएम राइज स्कूल बनाया जा रहा है। इसके साथ ही जिले में कुल 12 स्कूलों की स्वीकृति हुई है। हर जगह निर्माण कार्यों को लेकर भी कार्ययोजना बनाई जा रही है।
प्राचार्य एवं शिक्षकों की नियुक्ति नहीं
सीएम राइज स्कूलों के शुभारंभ में देरी की वजह यह रही कि अब तक स्कूलों के प्राचार्य एवं शिक्षकों की नियुक्तियों तक नहीं हो पाई है। परीक्षा के जरिए चयन किया जाना है। प्राचार्य पद के लिए रीवा से बड़ी संख्या में प्राचार्यों एवं व्याख्याताओं ने इंटरव्यू दिया था। जिसमें केवल दो नाम ही चयनित किए गए हैं। इसलिए अधिकांश स्कूलों में प्राचार्य दूसरे जिलों से भेजे जाएंगे।
बहुमंजिला भवन बनाने का भेजा जाएगा प्रस्ताव
सीएम राइज स्कूलों के लिए पर्याप्त भूमि नहीं होने के कारण शासन ने भी माना है कि अच्छे स्थानों पर भूमि की समस्या है। इसलिए कहा गया है कि जिला प्रशासन उन स्थानों पर बहुमंजिला भवन का प्रस्ताव भी भेज सकता है, जहां पर भूमि की कमी है। कुछ जगह जरूरत पड़ने पर भूमि का अधिग्रहण भी करने के लिए कहा गया है। शहरी क्षेत्रों में भूमि की अधिक समस्या आ रही है।