scriptकरोड़ों के घोटाले में जब्त किए ट्रक के दस्तावेज गायब, सीआईडी के होश उड़े | coapretive scam in rewa madhyapradesh, cid investigative | Patrika News
रीवा

करोड़ों के घोटाले में जब्त किए ट्रक के दस्तावेज गायब, सीआईडी के होश उड़े

सहकारी बैंक घोटाले के आरोपी का डभौरा थाने में खड़ा है ट्रक

रीवाJul 09, 2018 / 11:46 am

Mrigendra Singh

rewa

coapretive scam in rewa madhyapradesh, cid investigative

रीवा। जिला सहकारी बैंक में हुए घोटाले की जांच लगातार ठंडी होती जा रही है। इसमें दो एफआईआर दर्ज किए गए हैं जिसमें एक की जांच सीआइडी भोपाल के सौंपी गई है तो दूसरी डभौरा थाने के पास है। दोनों अपराध क्रमांकों की जांच कई महीने से ठप जैसी स्थिति में आ गई है। घोटाले से जुड़े संदेही और आरोपी खुले आम घूम रहे हैं उनसे किसी तरह की पूछताछ नहीं की जा रही है। डभौरा थाने में आरोपी का एक ट्रक करीब साल भर से खड़ा है, जिसकी रिकार्ड में जब्ती अब तक नहीं की जा सकी है।
इस लापरवाही की वजह से आगे की कार्रवाई भी लंबित है। चालान भी पेश नहीं किया जा सका है। वहीं आरोपी ने अधिवक्ता के माध्यम से इसकी शिकायत भी सीआइडी के बड़े अधिकारियों से की है।
बताया गया है कि ट्रक के ड्राइवर ने पुलिस को जानकारी दी है कि उक्त वाहन को सिविल ड्रेस में कुछ पुलिस के अफसरों ने जब्त किया था और उसके दस्तावेज भी वही लोग ले गए। अब असमंजस की स्थिति बन गई है कि उक्त ट्रक पर क्या कार्रवाई की जाए।
सूत्रों की मानें तो यह ट्रक घोटाले के प्रमुख आरोपियों में शामिल श्रीकृष्ण मिश्रा का है, जिसने वर्ष २०१२ में इसे खरीदा था। इसके दस्तावेज न तो पुलिस के पास हैं और न ही सीआइडी के अधिकारियों के पास हैं। इस वजह से दोनों जांच एजेंसियों के अधिकारी परेशान हैं।
पुलिस को नहीं पता वाहन के बारे में
डभौरा थाने में जो ट्रक खड़ा है, वह लावारिश हालत में है। पुलिस के पास ऐसा कोई रिकार्ड नहीं है, जिससे वह दावा कर सके कि उक्त ट्रक जब्ती का है। उनका तर्क है कि सहकारी बैंक घोटाले की जांच के दौरान सीआईडी के अधिकारियों ने वाहन जब्त किए थे और उनके सभी दस्तावेज वह अपने साथ ही ले गए थे।
नीलामी की कार्रवाई भी नहीं कर पाए
करीब 25 करोड़ रुपए सहकारी बैंक का हजम करने के बाद आरोपियों ने कई लग्जरी वाहन खरीदे थे। जिसमें तीन लग्जरी वाहन और मोटर साइकिल डभौरा थाने में जब्त की गई थी। उसी दौरान कलेक्टर, एसपी और सीआइडी के अधिकारियों के बीच हुई बैठक में तय किया गया था कि आरोपियों के पास से जब्त किए गए सभी वाहन नीलाम किए जाएंगे और उससे आने वाली राशि से घोटाले की भरपाई की जाएगी।
सीआइडी और पुलिस के अधिकारियों को इसकी जवाबदेही सौंपी गई थी लेकिन अब तक कोई कार्रवाई आगे नहीं बढ़ पाई है। इतना ही नहीं आरोपी अमरनाथ पांडेय की स्कूटी जो पुलिस कंट्रोल रूम से पहले गायब हुई थी फिर एसपी के दबाव में बरामद की गई, उसे भी रिलीज कर दिया गया है। कोर्ट में बैंक की ओर से पक्ष ठीक से नहीं रखा जा सका।
जब्त वाहनों को बेचने की थी तैयारी
आरोपियों की पहुंच का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि थाने में खड़े वाहनों को जेल में बंद रहते हुए आरोपी ने बेचने की तैयारी कर ली थी। इसके लिए आरटीओ के पास आवेदन भी लगा दिया गया था। जहां पर अधिकारियों ने भी साठगाठ से वाहन ट्रांसफर करने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। इसी बीच मामला ‘पत्रिकाÓ ने उजागर किया तो कलेक्टर ने वाहन को बेचने की प्रक्रिया को रोकवाया।
जांच अधिकारियों का ये है तर्क
हमारे थाना परिसर में ट्रक खड़ा जरूर है लेकिन उसके बारे में कुछ भी जानकारी नहीं है। सीआइडी द्वारा इसकी जांच की जा रही है, पूरा मामला वही बता पाएंगे।
राजेन्द्र चौबे, थाना प्रभारी डभौरा

डभौरा थाने में खड़े ट्रक का दस्तावेज कहां है इसका पता लगवा लेंगे। यह जांच से जुड़ा गोपनीय मामला है इस कारण अभी बताना उचित नहीं है।
मो. असलम, जांच अधिकारी सीआइडी

Home / Rewa / करोड़ों के घोटाले में जब्त किए ट्रक के दस्तावेज गायब, सीआईडी के होश उड़े

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो