कलेक्टर की इस कार्रवाई के बाबत मिली जानकारी के अनुसार पटवारी प्रदुमन को हटाने के लिए लगातार स्थानीय लोग कलेक्टर से मुलाकात कर शिकायत कर रहे थे। उऩके स्तर से लगातार की जा रही गड़बडियों की शिकायत कलेक्टर तक पहुंच रही थी। उधर हर बार एसडीएम त्योंथर पटवारी को बचाते रहे। लेकिन शनिवार को रीवा कलेक्टर ने आनन-फानन में त्योंथर एसडीएम को न केवल आदेश जारी करने का फरमान जारी कर दिया, बल्कि जांच भी करने के निर्देश दे दिए।
बताया जा रहा है कि जिले के सीमावर्ती खरीद केंद्रों में सीमावर्ती प्रदेश यूपी से धान की आवक बड़े पैमाने में होती है जिस का एक बड़ा हिस्सा सेवा सहकारी समिति के प्रबंधक से लेकर नागरिक आपूर्ति विभाग तथा सहकारिता के एआर एवं डीआर तक पहुंचता है।
ये होती है मॉडस आपरेंडी बताया ये भी जा रहा है कि धान खरीदी में होने वाली दलाली धान की बोवनी के साथ ही शुरू हो जाती है। सीमा पर स्थित धान माफिया संबंधित पटवारी हल्का से मुलाकात कर अधिक से अधिक खेतों में अधिक से अधिक किसानों के नाम पर बिसात बिछा आते हैं। इसके बाद खरीद शुरू होने पर उसी बिसात के आधार पर वो अधिक से अधिक धान समर्थन मूल्य पर बेचते हैं। इस पूरी प्रक्रिया में धान माफिया (उत्तर प्रदेश के किसान). संबंधित खरीद केंद्र के किसान, संबंधित हल्का पटवारी, समिति का कंप्यूटर ऑपरेटर और सेल्समैन की भूमिका संदिग्ध होती है।
पटवारी के तबादले और उनके विरुद्ध जांच के बाबत कलेक्टर इल्लैयाराज टी का कहना है कि, तीन बार मामले की जांच कराई गई, हर बार आरोप सिद्ध पाए गए। ऐसे में पटवारी को तत्काल हटाया गया है। साथ ही नोटिस जारी कर विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी। सरकारी काम में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।