किसी भी दुकान से खरीद सकेंगे यूनिफार्म
कलेक्टर के आदेश के अनुसार जिले के कई निजी विद्यालयों के संचालकों द्वारा निजी प्रकाशनों की अनेक पुस्तकों का उपयोग विद्यालय के पाठ्यक्रम में किया जा रहा है। विद्यालयों में उनका अपना यूनिफार्म ड्रेस कोड आदि नियत है। यह पुस्तकें तथा यूनिफार्म बाजार की किसी विशेष दुकान पर ही उपलब्ध हैं। संचालकों द्वारा छात्रों के अभिभावकों को उक्त दुकान से ही पुस्तकें तथा ड्रेस खरीदने के लिए दबाव डाला जाता है। इसी प्रकार दुकानदार ग्राहकों को फुटकर पुस्तकें न देकर पुस्तकों का पूरा सेट खरीदने के लिए बाध्य करते हैं। इससे पालकों का अवैधानिक शोषण होता है तथा उन्हें अनावश्यक खर्च का भार सहना पड़ता है जिसके कारण इन विद्यालयों एवं दुकानों पर विवाद की स्थिति आम हो गई है। मामले में कलेक्टर ने कहा है कि इस प्रकार का एकाधिकार कानूनी व नैतिक रूप से गलत है।
कलेक्टर के आदेश के अनुसार जिले के कई निजी विद्यालयों के संचालकों द्वारा निजी प्रकाशनों की अनेक पुस्तकों का उपयोग विद्यालय के पाठ्यक्रम में किया जा रहा है। विद्यालयों में उनका अपना यूनिफार्म ड्रेस कोड आदि नियत है। यह पुस्तकें तथा यूनिफार्म बाजार की किसी विशेष दुकान पर ही उपलब्ध हैं। संचालकों द्वारा छात्रों के अभिभावकों को उक्त दुकान से ही पुस्तकें तथा ड्रेस खरीदने के लिए दबाव डाला जाता है। इसी प्रकार दुकानदार ग्राहकों को फुटकर पुस्तकें न देकर पुस्तकों का पूरा सेट खरीदने के लिए बाध्य करते हैं। इससे पालकों का अवैधानिक शोषण होता है तथा उन्हें अनावश्यक खर्च का भार सहना पड़ता है जिसके कारण इन विद्यालयों एवं दुकानों पर विवाद की स्थिति आम हो गई है। मामले में कलेक्टर ने कहा है कि इस प्रकार का एकाधिकार कानूनी व नैतिक रूप से गलत है।
प्रतिबंधात्मक कार्रवाई का आदेश जारी
कलेक्टर ने कानून एवं व्यवस्था संचालन में अनापेक्षित व्यवधान उत्पन्न होने तथा लोक परिशांति क्षुब्ध होने की प्रबल आशंका को देखते हुए प्रतिबंधात्मक आदेश पारित किये हैं। जारी आदेश के अनुसार प्रत्येक निजी विद्यालय को अपने सूचना पटल पर उन दुकानों के नाम प्रदर्शित करने होंगे जहां पर उस विद्यालय से संबंधित पुस्तकें तथा यूनिफार्म विक्रय के लिए उपलब्ध हैं। निजी विद्यालयों को इस बात को स्पष्ट करना होगा कि विद्यालय द्वारा किसी भी विशेष दुकान से पुस्तकें ड्रेस एवं अन्य सामग्री क्रय करने की कोई बाध्यता नहीं है। कलेक्टर ने कहा है कि प्रत्येक विद्यालय चलने वाली पुस्तकों की सूची, उनका मूल्य तथा लेखक व प्रकाशक का नाम सूचना पटल और वेबसाइट पर प्रदर्शित करें। यह जानकारी शाला के विद्यार्थियों अथवा उनके अभिभावकों द्वारा मांगे जाने पर अनिवार्य रूप से उपलब्ध करायें। साथ ही कक्षा एक से बारहवीं तक कक्षावार पुस्तकों की सूची जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में प्रतिवर्ष उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
कलेक्टर ने कानून एवं व्यवस्था संचालन में अनापेक्षित व्यवधान उत्पन्न होने तथा लोक परिशांति क्षुब्ध होने की प्रबल आशंका को देखते हुए प्रतिबंधात्मक आदेश पारित किये हैं। जारी आदेश के अनुसार प्रत्येक निजी विद्यालय को अपने सूचना पटल पर उन दुकानों के नाम प्रदर्शित करने होंगे जहां पर उस विद्यालय से संबंधित पुस्तकें तथा यूनिफार्म विक्रय के लिए उपलब्ध हैं। निजी विद्यालयों को इस बात को स्पष्ट करना होगा कि विद्यालय द्वारा किसी भी विशेष दुकान से पुस्तकें ड्रेस एवं अन्य सामग्री क्रय करने की कोई बाध्यता नहीं है। कलेक्टर ने कहा है कि प्रत्येक विद्यालय चलने वाली पुस्तकों की सूची, उनका मूल्य तथा लेखक व प्रकाशक का नाम सूचना पटल और वेबसाइट पर प्रदर्शित करें। यह जानकारी शाला के विद्यार्थियों अथवा उनके अभिभावकों द्वारा मांगे जाने पर अनिवार्य रूप से उपलब्ध करायें। साथ ही कक्षा एक से बारहवीं तक कक्षावार पुस्तकों की सूची जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में प्रतिवर्ष उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
आदेश के उलंघन पर होगी कार्रवाई
कलेक्टर ने शिक्षा विभाग सहित संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है कि आदेश तत्काल प्रभाव से जिले में लागू हो गया है। आदेश का प्रभावी क्रियान्वयन संयुक्त संचालक लोक शिक्षण तथा जिला शिक्षा अधिकारी अपने अधिकारियों व कर्मचारियों के द्वारा सुनिश्चित कराएंगे। आदेश का उल्लंघन करने पर भारतीय दण्ड संहिता 1960 की धारा.188 के तहत दाण्डिक कार्यवाही की जायेगी।
कलेक्टर ने शिक्षा विभाग सहित संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है कि आदेश तत्काल प्रभाव से जिले में लागू हो गया है। आदेश का प्रभावी क्रियान्वयन संयुक्त संचालक लोक शिक्षण तथा जिला शिक्षा अधिकारी अपने अधिकारियों व कर्मचारियों के द्वारा सुनिश्चित कराएंगे। आदेश का उल्लंघन करने पर भारतीय दण्ड संहिता 1960 की धारा.188 के तहत दाण्डिक कार्यवाही की जायेगी।