कलेक्टर को यही नहीं भाता कि कोई दुकानदार अपनी दुकान के आगे सड़क या पटरी तक दुकान फैलाए। उनकी सोच है, सड़क चलने के लिए है वर्कशॉप, गेराज या दुकान चलाने के लिए नहीं। उनकी इस सोच को ऐसे नागरिकों से बल मिलता है जो सड़कों पर कचरा फैलाने या अतिक्रमण करने में विश्वास रखते हैं। ऐसे लोगो का फीडबैक उन्हें बराबर मिलता रहता है। ये फीडबैक ही रहा कि शिल्पी प्लाजा के पास की आदिवासी बस्ती के पास उनकी गाड़ी अचानक रुकी और एक मोटर मैकेनिक पकड़ में आ गया।
हालांकि कलेक्टर उसी रास्ते से जा रहे थे कि उन्होंने दूर से देखा कि एक मोटर मैकेनिक सड़क पर गाड़ियों की सर्विसिंग (धुलाई) कर रहा है। पानी के प्रेशर से हो रही धुलाई के चलते गाड़ी का कचरा सड़क पर तो फैल ही रहा था, साथ ही राहगीरों पर उसका छींटा भी जा रहा था। ये देख कलेक्टर असहज हुए और अपनी गाड़ी रुकवा कर उस मोटर मैकेनिक के वर्कशॉप पर जा पहुंचे। उससे सख्त लहजे में बात की। साथ ही पुलिस को भी सूचित किया।
कलेक्टर ने मोटर मैकेनिक के वाट पंप समेत कई सामान जप्त करा दिए। साथ ही चेतावनी भरे लहजे में कहा कि, इस तरह से दोबारा गाड़ी की सर्विसिंग सड़क पर करते पाए गए या ऐसी सूचना मिली तो विधिक कार्रवाई की जाएगी। वर्कशॉप सील कर दिया जाएगा।
कलेक्टर की सूचना पर तत्काल घटना स्थल पर पहुंचे अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शिवकुमार वर्मा ने भी मोटर मैकेनिक को सख्त हिदायत दी। कहा कि सड़क पर कब्जा करने की कोशिश की या गंदगी फैलाई तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।