मऊगंज को जिला बनाने की मांग फिर तेज हो गई है, मुख्यमंत्री ने घोषणा भी की थी लेकिन टीकमगढ़ की तहसील निवाड़ी को जिला बना दिया गया है
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रीवा. प्रदेश का 52वां जिला निवाड़ी बनाया गया है, जिसके बाद मऊगंज को जिला बनाने की मांग फिर तेज हो गईहै। क्षेत्रीय लोगों के प्रतिनिधिमंडल के साथ विधायक सुखेन्द्र सिंह बन्ना बुधवार को कलेक्ट्रेट पहुंचे और राज्यपाल के नाम प्रेषित ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा। उन्होंने कहा कि मऊगंज जिला बनाए जाने के लिए संपूर्ण पात्रता रखता है।
मुख्यमंत्री ने घोषणा भी की थी लेकिन टीकमगढ़ की तहसील निवाड़ी को जिला बना दिया गया है। इससे क्षेत्र के लोगों की भावना आहत हुई, वह प्रतीक्षा में थे कि इस बार नया जिला मऊगंज ही बनेगा लेकिन सरकार ने लोगों के साथ धोखा किया है। विधायक ने कहा कि पूर्वाग्रह के चलते उन्हें यदि भाजपा की सरकार रोड़ा समझ रही है तो पद से त्यागपत्र देने को तैयार हैं। इतना ही नहीं कि अभी कार्यकाल समाप्त हो रहा है इस कारण ऐसा कहा जा रहा है, यदि सरकार शर्त रखती है तो अगला चुनाव भी नहीं लड़ेंगे। बड़ी संख्या में आए क्षेत्र के लोगों से भी विधायक ने कहा है कि इस लड़ाईको अंजाम तक पहुंचाएंगे। जिला बनाए जाने का मुद्दा इस बार विधानसभा चुनाव में भी हावी रहने की संभावना है। भाजपा के नेताओं ने भी आश्वासन दिया था लेकिन निवाड़ी को जिला बनाए जाने के बाद से ही बैकफुट पर हैं।
इन मांगों को पूरा करने की उठाई मांग विधायक ने छह सूत्रीय मांगों का ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा है, जिसमें जिला बनाने और बाणसागर के पानी की मांग सरकार के स्तर की है और चार मांगे कलेक्टर के स्तर पर सुलझाने की मांग की है। ज्ञापन में कहा गया है कि हनुमना और बहेराडाबर में क्रशर की लीज दी गई, भारी वाहनों की वजह से दुर्घटनाएं हो रही हैं, इस लीज को निरस्त किया जाए। असंगठित मजदूर योजना की निगरानी समिति में भाजपा कार्यकर्ताओं को रखा गया है, पंचायतों में बनी इस समिति को निरस्त किया जाए। गुढ़ के सोलर प्लांट में मऊगंज क्षेत्रके लोगों को रोजगार मिले। कृषि उपज मंडी में तौल के नाम पर किसानों को ठगा जा रहा है। इसकी जांच कराई जाए।
पानी नहीं मिला तो यूपी भी नहीं जाएगा ज्ञापन में विधायक ने कहा है कि बाणसागर परियोजना का पानी मऊगंज और हनुमना को नहीं मिल पा रहा है। इसके लिए कई बार वह प्रयास कर चुके हैं। यदि क्षेत्र के लोगों को पानी देने की व्यवस्था सरकार नहीं करेगी तो परियोजना का पानी उत्तर प्रदेश भी नहीं जानें देंगे, इसके लिए बड़ा आंदोलन चलाया जाएगा।