एनआरएलएम से जुड़ी समूह की ये महिलाएं विश्व स्वास्थ्य संगठन के मापदंडो को पूरा करते हुए महज तीन दिन के भीतर 20 हजार से ज्यादा मास्क निर्माण का मिशाल पेश किया है। इस मूहिम में जिलेभर की 200 से अधिक महिलाएं जुटी हुई है। जिलेभर की कई स्वसहायता समूह एनआरएलएम के सहयोग से मास्क का निर्माण करने में जुटे हुये है।
समूह की महिलाएं दिनरात एक करके मास्क का निर्माण कर रही है। समूह की सदस्य शिवकुमारी कुशवाहा ने कहा कि देश में इस महामारी से बचाव के लिए मास्क की अत्यंत जरूरत है। कोरोना से बचने के लिए बाजार से एक मीटर कपड़ा लेकर 8 से 10 मास्क तैयार किए। जिसकी लागत 65 रुपए पड़ी। इस संबंध में जिलाधिकारी से फोन कर मास्क बनाने की जानकारी ली। उनके आदेश पर हम सभी महिलाएं मास्क का निर्माण शुरू कर दिया।
प्रतिदिन एक महिला 200 से अधिक मास्क बना रही है। महिलाओं के द्वारा बनाए गए मास्क हमारी पंचायत, जिला एवं देश के लिए काम आएगा। एनआरएलम के डीपीएम अजय प्रताप सिंह ने बताया कि जिले के 56 स्वसहायता समूहो की लगभग 200 महिलाएं मास्क और सेनेटाइजर बना रही है। तीन दिन के भीतर महिलाओं ने 18,700 मास्क का निर्माण किया है।
स्व सहायता समूह की महिलाओं ने 500 लीटर सेेनेटाइजर का निर्माण किया है। खास बात यह है कि महिलाओं ने स्वास्थ्य संबंधी सभी मापदंडो को पूरा किया है। प्रशासन स्वसहायता समूहों मास्को लेकर जिले के मेडिकल कॉलेज, प्रमुख अस्पताल, जिला पंचायत, जनपद पंचायत, सामूदायिक स्वास्थ्य केन्द्रो और मेडिकल स्टोर को मुहैया करा रहा है। ताकि जिले में मास्क की कोई दिक्कत सामने ना आए। कोरोना 19-के नोडल अधिकारी एवं जिला सीइओ अर्पित वर्मा ने बताया कि स्वसहायता समूहों की यह मूहिम निश्चित ही कारगर साबित होगी। कोरोना वायरस से जंग लडने में मदद मिलेगी और लोगों को कम दर पर आसानी से मास्क मिल सकेगा।