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रीवा

इको टूरिज्म के कार्यों में भ्रष्टाचार की जांच कराने सीएम हाउस का निर्देश, जंगल पहुंच कर अफसरों ने देखा हाल

– आल्हाघाट और टोंस वाटरफाल में चल रहा है निर्माण कार्य
 

रीवाJul 19, 2019 / 09:12 pm

Mrigendra Singh

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corruption of eco tourism work in sirmaur rewa madhya pradesh



रीवा। वन भूमि पर इको टूरिज्म बोर्ड द्वारा कराए जा रहे कार्यों में व्यापक पैमाने में भ्रष्टाचार किए जाने के आरोपों की जांच करने सतना डीएफओ राजीव मिश्रा अधिकारियों के साथ सिरमौर पहुंचे। दोनों स्थलों पर चल रहे कार्यों को उन्होंने देखा और फिर शिकायतकर्ताओं के बयान दर्ज किए।
सिरमौर क्षेत्र में टूरिस्ट स्पाटों में संसाधन विकसित करने की मांग कर रहे सर्वेश सोनी, सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी सहित अन्य कई लोगों की ओर से शिकायतें भेजी गई थी। मुख्यमंत्री कार्यालय पहुंची शिकायत पर विभाग के प्रमुख सचिव से रिपोर्ट मांगी गई है। जिसकी वजह से सतना डीएफओ को जांच अधिकारी बनाया गया है। रीवा जिले के अधिकारियों पर भी आरोप होने की वजह से इन्हें जांच नहीं दी गई है।
रीवा डीएफओ भी आल्हाघाट और टोंस वाटरफाल का निरीक्षण करने पहुंचे थे लेकिन शिकायतकर्ताओं के बयान दर्ज किए जाने के दौरान खुद को अलग रखा। शिकायत कर्ताओं ने गुणवत्ता को लेकर सवाल उठाए थे और कहा कि उसका परीक्षण ठीक तरीके से नहीं होने की वजह से आने वाले दिनों में पर्यटकों के साथ हादसे भी हो सकते हैं। दोनों स्थानों पर चल रहे कार्यों में लगातार गुणवत्ता की अनदेखी की जाती रही है।
टोंस वाटरफाल में जो सीढ़ी बनाई गई है, उसकी गुणवत्ता ठीक नहीं है। पहले रेंजर से शिकायत की गई लेकिन कार्रवाई नहीं हुई तो डीएफओ सहित अन्य अधिकारियों को ज्ञापन दिए गए। जब जिले के अधिकारियों ने जांच में हीलाहवाली की और मैदानी अमले के विरुद्ध किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई और निर्माण की गुणवत्ता में सुधार नहीं किया गया तो शिकायतें की गई। अब मुख्यमंत्री कार्यालय सहित अन्य स्थानों से शिकायतों की जांच के लिए सतना डीएफओ को अधिकारी नियुक्त किया गया है।
शिकायतकर्ताओं ने यह भी कहा है कि जब से उप वनमंडलाधिकारी के नियंत्रण में कार्य आया है तब से तेजी भी हुई है और गुणवत्ता में भी सुधार हुआ है लेकिन पूर्व में व्यापक पैमाने पर अनियमितता की गई है। सतना डीएफओ ने शिकायतकर्ताओं के बयान दर्ज कर लिए हैं, इसका प्रतिवेदन प्रमुख सचिव को भेजेंगे, जहां से मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजा जाएगा।

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