डॉ. शीतल पटेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर 1 जनवरी 2017 से जिला अस्पताल में हर महीने जन्म लेने वाली पहली कन्या को पुरुस्कृत करने के संकल्प के साथ अभियान की शुरुआत की थी। एक साल पूरा हो गया है और वह अपने संकल्प को आगे भी जारी रखना चाहती हैं। सालभर में 12 बेटियों को जन्म की सूचना मिलने पर खुद जाकर सम्मानित किया। जननी और उनके परिजनों को बेटी के महत्व समझाया। उनकी यह पहल चिकि त्सा जगत के लिए मिसाल बन गई है।
डॉ. शीतल कहती हैं कि इस नेक कार्य में अन्य चिकित्सक भी आगे आएं तो समाज में बेटियों के प्रति लोगों की सोच बदलना आसान हैं। यह नेक कार्य है। बेटी के जन्म की खुशी मनाने पर उन परिवारों में बेटी के प्रति स्नेह बढ़ा है जो जन्म के वक्त मायूस हो गए थे। उन्होंने बताया कि शुरुआत एक साल के संकल्प से की थी लेकिन इसे अब आगे भी जारी रखेंगे।
बेटी के जन्म पर अस्पताल पहुंचकर डॉक्टर 1100 रुपए नगद देती हैं। इसके साथ घी, दलिया के पैकेट भी दिए जाते हैं। खुशी मनाने के लिए वार्ड में मिठाई बांटी जाती है और जन्म देने वाली मां को फूल देकर सम्मान करती हैं।
इनकी बेटियों को मिला सम्मान
गुंजना साहीन पति जावेद खान बिछिया, राजकुमारी कोल पति श्रवण कोल बिडवा, प्रीती साहू पति शिवकुमार साहू मैदानी, अंजू साकेत पति रवी साकेत बेला, कल्पना साकेत पति अनिल साकेत बोदाबाग, विनीता सोंधिया पति राजेश बाणसागर कालोनी, मीना कोल पति रतन कोल कपसा, रानी साकेत पति दीपक साकेत सूजीपुरवा, बबिता पति प्रमोद चोखंडी, आरती विश्वकर्मा पति रवीन्द्र विश्वकर्मा अतरैला, साधना मिश्रा पति सुशील मिश्रा टीकर, खुशबू पटेल पति विपिन पटेल बजरंगपुर आदि माता-पिता इसलिए सम्मान के हकदार बने क्योंकि उनके घर बिटिया ने जन्म लिया था।