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रीवा

सरकार ने सात वर्ष के लिए स्ट्रीट लाइट का सौंपा है प्रोजेक्ट, महीनेभर में ही होने लगी खराब, जानिए कैसे हो रहा खेल

स्ट्रीट लाइट की गुणवत्ता पर उठे सवाल, कई मोहल्लों में एक साथ छाया अंधेरा, पार्षदों ने निगम अधिकारियों से की शिकायत

रीवाSep 08, 2018 / 06:12 pm

Balmukund Dwivedi

Deterioration in the street light project

Deterioration in the street light project

रीवा. शहर में स्ट्रीट लाइट के नए प्रोजेक्टमें अभी से कमियां आने लगी हैं। करीब महीनेभर पहले से पुरानी स्ट्रीट लाइट हटाई जा रही हैंऔर नईएलइडी लगाने का काम चल रहा है। इसमें प्रकाश तो पहले की अपेक्षा अधिक रहता हैलेकिन तकनीकी खामियों के चलते यह खराब होने लगी हैं। शहर के कईहिस्सों से इसकी शिकायतें नगर निगम के अधिकारियों के पास आईहैं। कईवार्डों के पार्षदों ने गुणवत्ता पर ही सवाल खड़ा कर दिया है कि इतना जल्दी यह एलइडी लाइट कैसे खराब हो सकती है। हाल ही में नगर निगम ने पॉवर एनर्जी सेविंग मॉडल पर ऐसी स्ट्रीट लाइट लगाने की अनुमति दी है जो कम मात्रा में बिजली की खपत करती है।
एनर्जी सेविंग मॉडल पर काम शुरू
एलइडी स्ट्रीट लाइट प्रोजेक्ट भारत सरकार के उपक्रम एनर्जी एफिशएंसी सर्विसेज लिमिटेड (इइएसएल) के माध्यम से एनर्जी सेविंग मॉडल पर काम शुरू हो गया है। शहर के वार्डों में आधे से अधिक पुरानी स्ट्रीट लाइटें बदली भी जा चुकी हैं। बताया गया हैकि शहर में 15 हजार 76 5 खंभों में 15 हजार स्ट्रीट लाइट लगी हुई हैं, जिन्हें हटाकर इइएसएल नए सिरे से लाइट लगाने का काम कर रही है। लगातार इस पर शिकायतें आ रही हैं कि लाइट बंद हो रही हैं। एक ओर इसके प्रकाश को लेकर लोगों में उत्साह देखा जा रहा है, पुरानी स्ट्रीट लाइट की अपेक्षा अधिक प्रकाश दे रही हैं वहीं कुछ दिनों की खराबी के बाद बंद होने से लोगों में नाराजगी भी बढऩे लगी है।
निगम के इंजीनियरों ने किया भ्रमण
वार्डों से आ रही शिकायतों के बाद नगर निगम के इंजीनियरों ने शहर का भ्रमण कर यह जानकारी जुटाने का प्रयास किया हैकि आखिर किस वजह से एक साथ इतनी संख्या में यह खराब हो रही हैं। कुछ जगह तो यह लाइट ही खराब पाईगईहै तो वहीं अधिकांश जगहों में लाइट जलाने वाला कनेक्टर खराब होने की शिकायतें मिली हैं। शहर के वार्ड 5 के पद्मधर कालोनी में तो शार्ट सर्किट से करीब दो दर्जन की संख्या में लाइटएक साथ खराब होने की जानकारी मिली है। अब कंपनी को कनेक्टर बदलने का निर्देश अधिकारियों ने दिया है।
सात वर्षों तक मेंटेनेंस का काम देखेगी कंपनी
शहर में एनर्जी सेविंग माडल वाली नईस्ट्रीट लाइट लगाने का काम नगर निगम ने इइएसएल को दिया है। कंपनी आगामी सात वर्षों तक इस प्रोजेक्ट पर काम करेगी। जिसके तहत लगाईजा रही स्ट्र्रीट लाइट के मेंटेनेंस की व्यवस्था भी कंपनी देखेगी। बताया गया हैकि इस प्रोजेक्ट की लागत 9.91 करोड़ रुपए है। आगामी सात वर्षों तक मेंटेनेंस के काम में कुल 21 करोड़ रुपए कंपनी खर्च करेगी। निगम हर साल मेंटेनेंस के लिए दो करोड़ रुपए कंपनी को भुगतान करेगा।
मॉनीटरिंग सिस्टम का कंट्रोल रूम भी बनेगा
नई स्ट्रीट लाइट लगाने के बाद उसका मानीटरिंग सिस्टम भी कंपनी लगाएगी। इसके लिए कंट्रोल रूम स्थापित किया जाना है। लाइट में कोई भी खराबी आने पर कंपनी के मॉनीटरिंग सिस्टम के माध्यम से यह पता चल जाएगा कि कहां पर खराबी है। सेंट्रल कंट्रोल मॉनीटरिंग सिस्टम (सीसीएमएस) से सभी लाइटों को जोड़ा जाएगा। इसमें ऑटोमेटिक सिस्टम भी लगाया जाएगा जिसमें लाइट के जलने और बुझने का समय निर्धारित रहेगा। इससे दिन में भी लाइट जलने की शिकायतें नहीं आएंगी। किसी भी स्थान पर खराबी के 48 घंटे के भीतर लाइट को जलाना होगा अन्यथा निगम द्वारा पेनाल्टिी भी लगाई जाएगी।
बारिश के चलते आ रही खराबी
बीएस बुंदेला, नोडल अधिकारी बिजली व्यवस्था ने इस संबंध में बताया कि पॉवर एनर्जीसेविंग मॉडल की लाइट लगाई जा रही है, इसमें कई जगह से शिकायतें आई थी कि नहीं जल रही हैं। भ्रमण किया तो पता चला है कि इसे जलाने वाला कनेक्टर बरसात के पानी से खराब हो रहा है। उसे बदल कर फिर से लाइट जलाई जा रही है।

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