परीक्षा तिथि घोषित करने की मांग
विश्वविद्यालय प्रशासन नर्सिंग छात्रों का पिछले डेढ़ वर्ष से परीक्षा नहीं करा पा रहा है। जून 2017 में आयोजित होने वाली परीक्षा अभी तक न होने से आक्रोशित छात्र-छात्राओं ने कहा कि इस बार वह परीक्षा फॉर्म भरने और परीक्षा के आयोजन की तिथि लेकर ही जाएंगे। इसके लिए चाहे उन्हें विश्वविद्यालय रुकना क्यों न पड़े।
विश्वविद्यालय प्रशासन नर्सिंग छात्रों का पिछले डेढ़ वर्ष से परीक्षा नहीं करा पा रहा है। जून 2017 में आयोजित होने वाली परीक्षा अभी तक न होने से आक्रोशित छात्र-छात्राओं ने कहा कि इस बार वह परीक्षा फॉर्म भरने और परीक्षा के आयोजन की तिथि लेकर ही जाएंगे। इसके लिए चाहे उन्हें विश्वविद्यालय रुकना क्यों न पड़े।
अधिकारियों ने बुलाई बैठक
कुलपति चेंबर के समक्ष आधे घंटे के प्रदर्शन के बाद छात्र कल्याण अधिष्ठाता (डीएसडब्ल्यू) प्रो. एसएल अग्रवाल बात करने पहुंचे लेकिन छात्र-छात्राओं को मनाने में नाकाम रहे। छात्रों ने कहा कि वे बगैर परीक्षा फॉर्म भरने की तिथि लिए वापस नहीं लौटेंगे। छात्रों की इस जिद को देखते हुए कुलपति ने आनन-फानन में संबंधित अधिकारियों की बैठक बुलाई।
कुलपति चेंबर के समक्ष आधे घंटे के प्रदर्शन के बाद छात्र कल्याण अधिष्ठाता (डीएसडब्ल्यू) प्रो. एसएल अग्रवाल बात करने पहुंचे लेकिन छात्र-छात्राओं को मनाने में नाकाम रहे। छात्रों ने कहा कि वे बगैर परीक्षा फॉर्म भरने की तिथि लिए वापस नहीं लौटेंगे। छात्रों की इस जिद को देखते हुए कुलपति ने आनन-फानन में संबंधित अधिकारियों की बैठक बुलाई।
मांग पूरी हुई तब शांत हुए छात्र
विश्वविद्यालय प्रशासन के लिए परेशानी की बात यह रही कि बैठक के दौरान छात्रों की नारेबाजी जारी रही। इसका नतीजा यह रहा कि कुलपति चेंबर में चल रही बैठक में अधिकारी तिथि तय करके ही बाहर निकले। डीएसडब्ल्यू ने जब कहा कि परीक्षा फॉर्म भरने की तिथि तय हो गई है, तब जाकर छात्र शांत हुए।
विश्वविद्यालय प्रशासन के लिए परेशानी की बात यह रही कि बैठक के दौरान छात्रों की नारेबाजी जारी रही। इसका नतीजा यह रहा कि कुलपति चेंबर में चल रही बैठक में अधिकारी तिथि तय करके ही बाहर निकले। डीएसडब्ल्यू ने जब कहा कि परीक्षा फॉर्म भरने की तिथि तय हो गई है, तब जाकर छात्र शांत हुए।
प्रदर्शन में यह छात्र रहे शामिल
छात्राओं की जिद के चलते डेढ़ साल से अटकी परीक्षा की डेट डेढ़ घंटे में ही विश्वविद्यालय प्रशासन ने तय कर दी। धरने में सौदामिनी, चौरसिया व जेएनसीटी सहित अन्य दूसरे कॉलेजों से कुंजबिहारी द्विवेदी, सृष्टि भारती, अभिमन्यु सिंह, बृजेंद्र वर्मा, काजल शर्मा, आरती सिंह, हेमा तोमर, नीलम पटेल, रेनू साहू, निमिषा पटेल, किरण नावैद्य, आभा पटेल, लक्ष्मी पटेल, पूजा पटेल, मनोरमा सिंह सहित अन्य छात्र-छात्राएं शामिल रहीं।
छात्राओं की जिद के चलते डेढ़ साल से अटकी परीक्षा की डेट डेढ़ घंटे में ही विश्वविद्यालय प्रशासन ने तय कर दी। धरने में सौदामिनी, चौरसिया व जेएनसीटी सहित अन्य दूसरे कॉलेजों से कुंजबिहारी द्विवेदी, सृष्टि भारती, अभिमन्यु सिंह, बृजेंद्र वर्मा, काजल शर्मा, आरती सिंह, हेमा तोमर, नीलम पटेल, रेनू साहू, निमिषा पटेल, किरण नावैद्य, आभा पटेल, लक्ष्मी पटेल, पूजा पटेल, मनोरमा सिंह सहित अन्य छात्र-छात्राएं शामिल रहीं।
10 अगस्त तक भर सकेंगे परीक्षा फॉर्म
छात्र-छात्राओं की मांग के मद्देनजर प्रो. अग्रवाल ने लिखित रूप में परीक्षा फॉर्म भरने की तिथि जारी की। छात्रों के मुताबिक जारी तिथि के तहत ऑनलाइन परीक्षा फॉर्म चार अगस्त से लेकर 10 अगस्त तक भरा जा सकेगा। अधिकारियों ने साथ ही यह भी वादा किया कि परीक्षा फॉर्म भरने के १५ दिन के भीतर परीक्षा तिथि भी घोषित कर दी जाएगी।
छात्र-छात्राओं की मांग के मद्देनजर प्रो. अग्रवाल ने लिखित रूप में परीक्षा फॉर्म भरने की तिथि जारी की। छात्रों के मुताबिक जारी तिथि के तहत ऑनलाइन परीक्षा फॉर्म चार अगस्त से लेकर 10 अगस्त तक भरा जा सकेगा। अधिकारियों ने साथ ही यह भी वादा किया कि परीक्षा फॉर्म भरने के १५ दिन के भीतर परीक्षा तिथि भी घोषित कर दी जाएगी।
बीएससी नर्सिंग की परीक्षा चल रही है लंबित
विश्वविद्यालय में अधिकारियों की लापरवाही के चलते बीएससी नर्सिंग की पिछले डेढ़ वर्षों से परीक्षा लंबित चल रही है। परीक्षा जून 2017 में आयोजित की जानी चाहिए थी। लेकिन अभी तक परीक्षा फॉर्म तक नहीं भराया जा सका है। नर्सिंग पाठ्यक्रम में बीएससी प्रथम, द्वितीय, तृतीय व चतुर्थ वर्ष की परीक्षाएं लंबित हैं। जिससे सैकड़ों छात्र-छात्राएं प्रभावित हैं।
विश्वविद्यालय में अधिकारियों की लापरवाही के चलते बीएससी नर्सिंग की पिछले डेढ़ वर्षों से परीक्षा लंबित चल रही है। परीक्षा जून 2017 में आयोजित की जानी चाहिए थी। लेकिन अभी तक परीक्षा फॉर्म तक नहीं भराया जा सका है। नर्सिंग पाठ्यक्रम में बीएससी प्रथम, द्वितीय, तृतीय व चतुर्थ वर्ष की परीक्षाएं लंबित हैं। जिससे सैकड़ों छात्र-छात्राएं प्रभावित हैं।