उक्त आरोपी पिता का नाम गलत बोलकर फंस गया। न्यायाधीश ने जब उससे पिता का नााम पूंछा तो आरोपी ने बाल्मीक सिंह बताया जबकि ऋण पुस्तिका में विनोद सिंह पिता मोतीलाल सिंह लिखा हुआ था। बाद में जब न्यायाधीश ने फोटो मिलान की तो वह भी दूसरी लगी थी। आरोपी की करतूत सामने आ गई जिस पर न्यायाधीश ने उसे हिरासत में लेने का आदेश दिया।
राजकुमार मिश्रा, थाना प्रभारी सिविल लाइन ने बताया कि न्यायालय में आरोपी दूसरे की ऋण पुस्तिका से जमानत लेने गया था जिसे न्यायालय के आदेश पर थाने लाया गया था। उसके खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया गया है। पूरे मामले की जांच की जा रही है।