खजुहा-रकरिया में लहलहा रही केले की फसल
खजुहा-रकरिया में लहलहा रही केले की फसल
रीवा. जिले में किसानों ने केवीके के वैज्ञानिकों की पहल पर नवाचार शुरू किया है। खजुहा और रकरिया गांव के किसानों के खेत में केले की फसल लहलहा रही है। वैज्ञानिकों ने की मदद
वैज्ञानिकों की मदद से किसानों ने जलगांव से केले के पौध लाकर बागवानी तैयार की है। केले के पौधे में अब फल आने लगे हैं। जिले में खजुहा गांव के किसान रमेश पटेल और रकरिया के दुर्गा शंकर मिश्र ने केले की खेती शुरू कर दी है। कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों के प्रयास से किसान खेती के लिए नवाचार शुरू कर दिया है। बताया गया है कि खजुहा में जी-9 केले की टीशू कल्चर है। जैन इरीगेशन जलगांव की केले की प्रजाति जी-9 का रोपण 20 अगस्त 2018 को एक-एक एकड़ में किया। उसमें 50 किलोग्राम ग्राम डीएम प्रति एकड़ के साथ उपयोग किया एवं प्रति पौधा 1 किलो ग्राम वर्मी कंपोस्ट के साथ रोपण किया गया। साथ ही माह अक्टूबर में मिट्टी की मेड़ बनायी इसके बाद दिसंबर माह में 1 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर सल्फर का छिड़काव किया। ताकि पाले से पौधों को बचाया जा सके, इसके अलावा वेस्ट डिकम्पोजर का घोल ड्रिप के माध्यम से लगातार पौधों को दिया जाता रहा जिससे पौधे लगातार स्वास्थ वर्धक रहे एवं अब माह अगस्त साल भर बाद प्रति पौधा 8 -10 दर्जन केले आ चुके हैं अब यदि कृषकों का प्रति दर्जन केला खेत में ही 20 रुपए दर्जन बिक जाएगा तो प्रति एकड़ 11 सौ पौधे से दो लाख बीस हजार की आमदनी होगी।
मिलेगा ज्यादा लाभ
कृषि विज्ञान केन्द के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. अजय कुमार पांडेय ने बताया कि वैज्ञानिक डॉ. राजेश सिंह एवं पौध संरक्षण वैज्ञानिक डॉ. अखिलेश कुमार के प्रयासों से कृषकों द्वारा नवाचार अपनाने से प्रति एकड़ में पंरपरागत कृषि की अपेक्षा ज्यादा लाभ होने की संभावना है।