दस हजार किसान पंजीयन कराने के बाद केन्द्र पर उपज बेचने के लिए नहीं आए, जानिए क्यों
जिले में पंजीयन 72000 और केंद्र पर धान बेचने पहुंचे 62000 ही किसान
Complaint of exploitation of farmers came in Singrauli’s procurement center
रीवा. जिले में पंजीयन के बाद दस हजार किसान केन्द्र पर उपज बेचने के लिए नहीं आए। तौल बंद होने के बाद प्रशासन की ओर से जारी किए गए आंकड़े में जानकारी सामने आई है। अधिकारियों ने फीडबैक लिया तो जानकारी आई कि चालू सीजन में केन्द्रों पर सख्ती के कारण बाहर की धान बिकने के लिए कम पहुंची। इसके अलावा कुछ किसानों ने पंजीयन कराने के बाद उत्पादन कम होने के कारण तौल कराने के लिए केन्द्र पर नहीं पहुंचे। सैकड़ो की संख्या में ऐसे भी किसान रहे कि जिन्होंने दो-दो पंजीयन कराया था। लेकिन, एक जगह बेच दिया और दूसरी जगह की उपज नहीं बेची।
चालू सीजन में 72 हजार किसानों ने कराया पंजीयन
जिले में चालू वर्ष में समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए 72 हजार किसानों ने पंजीयन कराया था। लेकिन, 15 जनवरी तक 62 हजार किसानों ने ही 35 लाख क्विंटल धान की बिक्री की। पंजीयन के अनुसार दस हजार किसान इस बार केन्द्रों पर नहीं पहुंचे। फौरीतौर पर विभागीय अधिकारियों ने फील्ड में इसका फीडबैक लिया तो जानकारी आई कि पंजीयन ऐसे किसानों ने भी कराया था। जो अच्छे किस्म की धान की बोनी की है। समर्थन मूल्य पर दाम कम मिलने के कारण बाजार में बेच रहे हैं।
बेहतर गुणवत्ता की धान बाजार में 2500 में बिक रही
बेहतर गुणवत्ता वाले धान की कीमत बाजार में 2500 रुपए से 3 हजार तक मिलती है। जिसका चावल चार हजार रुपए से अधिक कीमत पर बिकता है। तराई अंचल में ज्यादातर किसान अच्छी किस्त का धान तैयार कर बाजार में चावल की बिक्री करते हैं। इसके अलावा कुछ किसानों ने दो तरह की धान की बोनी की थी। पंजीयन दोनों का कराया था। लेकिन, बिक्री के लिए मोटिया किस्म की धान केन्द्र पर लेकर पहुंचे। इसी तरह कुछ किसान तौल में सख्ती के कारण व्याापारियों को बेचने के लिए मैसेज नहीं दिया।
बीते साल की अपेक्षा पंजीयन के आधार पर चार प्रतिशत बढ़े किसान
विभाग के रेकार्ड के मुताबिक पिछले साल 84 प्रतिशत किसानों ने उपज बेची थी। चालू वर्ष में आंकड़ाबढकऱ 84 प्रतिशत हो गया है। करीब-करीब पिछले साल भी इतनी ही संख्या में किसानों ने धान की बिक्री नहीं की थी। जबकि पंजीयन 42 हजार किसानों ने कराया था।
सख्ती के कारण बाहरी धान नहीं बिक सकी
जिला खाद्य आपूर्ति नियंत्रक एमएनएच खान के मुताबिक चालू सीजन में सख्ती के कारण बाहरी धान नहीं बिकने पाई। लेकिन, इस साल धान की पैदावार अच्छी रही। अनुमान से अधिक तौल हुई है। कुछ किसान दो-दो पंजीयन कराए थे। जिसमें एक जगह बेचा है। कुछ ऐसे भी किसान हैं जिन्होंने अच्छी किस्म की धान की बोनी की थी। उसे बाजार में बेचने के लिए रख लिया है। हर साल कमोवश यही स्थित रहती है कि पंजीयन के आधार पर 10-20 फीसदी किसान अपनी सुविधा अनुसार उपज बेचते हैं।
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