पिता ने पुलिस को दी सूचना
पिता ने घटना की सूचना पुलिस को दी। सूचना मिलते ही पुलिस के पैरों तले से जमीन खिसक गई। एसपी आबिद खान ने मामले की गंभीरता को देखते हुए थाना प्रभारी उपनिरीक्षक धमेन्द्र वर्मा के नेतृत्व में टीम गठित कर युवक का पता लगाने के निर्देश दिये। वहीं एक अन्य टीम साइबर की मदद से उसका लोकेशन ट्रेस कर रही थी। देर रात पुलिस ने ढेरा, नगई, सीतापुर, पाडऱ सहित अन्य गांवों में दबिश दी लेकिन युवक का पता नहीं चला। युवक का आखिरी टॉवर लोकेशन वनपाडऱ में था जहां पुलिस ने पूछताछ की तो उक्त युवक को गांव के कुछ लोगों ने देखा। वह गांव वालों से एक रात के रुकने के लिए जगह मांग कर रहा था। पुलिस ने गांव में सर्चिंग शुरू कर दी जहां एक मंदिर के बाहर उसकी बाइक खड़ी मिली और मंदिर के अंदर ही उक्त युवक सो रहा था। युवक के सकुशल मिलने पर पुलिस ने राहत की सांस ली। उसको थाने लाकर पूछताछ की गई तो पूरी वास्तविकता सामने आ गई।
युवक के पिता भी सर्राफा का काम करते है। उन्होंने तीन दिन पूर्व पुत्र को बीस हजार रुपए सोना लाने के लिए दिये थे लेकिन युवक ने वह रकम उधारी वालों को दे दी। पिता उस पर रुपए लौटाने का दबाव डाल रहे थे। गुरुवार को पिता ने रुपए या फिर सोना लौटाने की हिदायत दी थी। इस बात को लेकर युवक परेशान था। वह पैसों की तलाश में कई गांवों में गया लेकिन उसे रुपए नहीं मिले। इस बीच शाम साढ़े बज गये तो पिता की डांट से डरकर उसकी घर जाने की हिम्मत नहीं हुई और उसने अपहरण की कहानी बना दी।
आरंभ में पुलिस भी घटना को सही मान रही थी। एसआई धमेन्द्र वर्मा, आरक्षक महेन्द्र पाठक, अनिल विश्वकर्मा, अरविंद यादव ने पूरी रात संभावित गांवों में युवक की तलाश की। इस दौरान अधिकारी भी पल-पल की जानकारी लेते रहे। रात में उसका मोबाइल एक बार मनिकवार रोड पर एक्टिव हुआ तो देवतालाब व मनगवां पुलिस को भी अलर्ट किया गया लेकिन बाद में वनपाडऱ गांव में आकर रुक गया।