scriptभगवान श्री कृष्ण के प्रसिद्ध मंदिर जहां उमड़ता है श्रद्धालुओं का सैलाब | festival of janmashtami | Patrika News
रीवा

भगवान श्री कृष्ण के प्रसिद्ध मंदिर जहां उमड़ता है श्रद्धालुओं का सैलाब

भगवान श्री कृष्ण विष्णु के अकेले ऐसे अवतार हैं जिनके जीवन के हर पड़ाव के अलग रंग दिखाई देते हैं

रीवाSep 03, 2018 / 06:30 pm

Balmukund Dwivedi

Krishna Janmashtami 2018

festival of janmashtami

देवताओं में भगवान श्री कृष्ण विष्णु के अकेले ऐसे अवतार हैं जिनके जीवन के हर पड़ाव के अलग रंग दिखाई देते हैं। उनका बचपन लीलाओं से भरा पड़ा है। उनकी जवानी रासलीलाओं की कहानी कहती है, एक राजा और मित्र के रूप में वे भगवद् भक्त और गरीबों के दुखहर्ता बनते हैं तो युद्ध में कुशल नितिज्ञ। महाभारत में गीता के उपदेश से कर्तव्यनिष्ठा का जो पाठ भगवान श्री कृष्ण ने पढ़ाया है आज भी उसका अध्ययन करने पर हर बार नये अर्थ निकल कर सामने आते हैं। भगवान श्री कृष्ण के जन्म लेने से लेकर उनकी मृत्यु तक अनेक रोमांचक कहानियां है। इन्ही श्री कृष्ण के जन्मदिन को हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले और भगवान श्री कृष्ण को अपना आराध्य मानने वाले जन्माष्टमी के रूप में मनाते हैं। इस दिन भगवान श्री कृष्ण की कृपा पाने के लिये भक्तजन उपवास रखते हैं और श्री कृष्ण की पूजा अर्चना करते हैं।
कब हुआ श्री कृष्ण का जन्म

जन्माष्टमी भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव को ही कहा जाता है। पौराणिक ग्रंथों के मतानुसार श्री कृष्ण का जन्म का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में मध्यरात्रि के समय हुआ था। अत: भाद्रपद मास में आने वाली कृष्ण पक्ष की अष्टमी को यदि रोहिणी नक्षत्र का भी संयोग हो तो वह और भी भाग्यशाली माना जाता है इसे जन्माष्टमी के साथ साथ जयंती के रूप में भी मनाया जाता है।
भगवान श्री कृष्ण के प्रसिद्ध मंदिर

वृंदावन मंदिर
माना जाता है कि वृंदावन भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाओं का गवाह है। उनका बचपन ब्रज की ही गलियों में बिता था। कहा तो यह भी जाता है कि यहां पर स्थित मदन-मोहन, जुगल किशोर, गोपीनाथ और गोविंद जी के मंदिर गोपाल की लीलाओं से प्रभावित होकर वृंदावन में भगवान कृष्ण मुरारी के दर्शनों के लिये पंहुचे सम्राट अकबर ने बनवाये थे। यहां से थोड़ी दूरी पर पेड़ों के लिये जाना जाने वाला मथुरा भी स्थित हैं यहां स्थति इस्कॉन मंदिर एवं बांके बिहारी मंदिर पर भी श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ता है। वहीं वृंदावन में ही जहां पर राधा में कृष्ण और कृष्ण में राधा नजर आती हैं। जहां राधावल्लभ विग्रह के दर्शन से ही श्रद्धालुओं की इच्छाएं पूर्ण हो जाती हैं इस राधावल्लभ मंदिर में भी सच्ची श्रद्धा से ही श्रद्धालु राधावल्लभ के दुर्लभ दर्शन कर पाता है।
द्वारकाधीश मंदिर
गुजरात के द्वारका के बारे में मान्यता है कि मथुरा छोड़ने के बाद भगवान श्री कृष्ण ने स्वयं इस नगरी को अपने हाथों से बसाया था। भगवान कृष्ण द्वारा बसाई इस द्वारका नगरी को सप्त पुरियों में से एक माना जाता है साथ ही यहां स्थित द्वारकाधीश मंदिर को भी चार धामों में से एक माना जाता है। द्वारकाधीश का यह 5 मंज़िला मंदिर 72 पिलरों पर बना हुआ है, जिसे लगभग 2500 साल पुराना बताया जाता है।
इस्कॉन मंदिर
इस्कॉने के माध्यम से ही भगवान श्री कृष्ण की लीलाएं विश्व पटल पर आज छायी हैं। श्रीमद्भगवदगीता के संदेश को दुनिया के अलग-अलग कौने में पंहुचाने के लिये भी इस संस्था के प्रयास सराहनीय हैं। विश्व भर से कृष्ण भक्त इस्कॉन मंदिर में आते हैं हालांकि इस्कॉन के मंदिर मथुरा के अलावा देश के अन्य हिस्सों के साथ अमेरिका जैसे देशों में भी हैं लेकिन भगवान कृष्ण की नगरी मथुरा का आकर्षण विदेशी श्रद्धालुओं को बड़ी संख्या में यहां खींच ही लाता है।
राजगोपाल स्वामी मंदिर
यह मंदिर भी काफी प्रसिद्ध है, दक्षिण भारत के सभी कृष्ण मंदिरों में स्वामी मंदिर की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस मंदिर को दक्षिण भारत का द्वारका कहा जाता है। यहां भी जन्माष्टमी के दिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगती है।
वेणु गोपाल मंदिर
यह मंदिर भी दक्षिण भारत के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक माना जाता है। कर्णाटक के मैसूर स्थित इस वेणुगोपाल मंदिर का नजारा बहुत ही अद्भुत है। कृष्ण सागर बांध के समीप बने इस मंदिर भगवान वंशीधर बांसुरी बजाते हुए नजर आते हैं।

Home / Rewa / भगवान श्री कृष्ण के प्रसिद्ध मंदिर जहां उमड़ता है श्रद्धालुओं का सैलाब

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो