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विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम का ऐसा रहा सियासी सफर, वर्षों इंतजार की यह रही वजह

किसान-मजदूरों की आवाज रहे हैं गिरीश गौतम..विधायक चुने जाने के बाद 18 साल का इंतजार, ‘अब मिला मीठा-फलÓ- 23 वर्ष पहले मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष की शपथ श्रीनिवास तिवारी ने ली थी,

रीवाFeb 22, 2021 / 10:18 am

Mrigendra Singh

rewa

Girish gautam vidhansabha speekar madhya pradesh


रीवा। मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष के रूप में देवतालाब विधायक गिरीश गौतम की ताजपोशी हुई है। अध्यक्ष पद के निर्वाचन के लिए उन्होंने भोपाल में नामांकन भी जमा कर दिया है। कांग्रेस की ओर से कोई प्रत्याशी नहीं उतारे जाने की घोषणा के बाद उनका अध्यक्ष बनना तय हो गया है। हालांकि संख्या बल के आधार पर भाजपा का विधानसभा में बहुमत है, इसलिए चुनाव की स्थिति में भी कोई अड़चन आने की संभावना नहीं थी।
गिरीश गौतम का लंबा सियासी सफर रहा है। उनकी राजनीतिक शुरुआत किसानों और मजदूरों के नेता के रूप में हुई थी। भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी की विचारधारा पर उन्होंने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की, और लंबे संघर्ष के बाद भाजपा Óवाइन कर वर्ष 2003 में मनगवां से तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष रहे श्रीनिवास तिवारी को हराकर सबको चौंका दिया था। उसी समय अनुमान लगाया जा रहा था कि बड़े नेता को हराने की वजह से उन्हें सरकार में मंत्री बनाया जाएगा लेकिन उस दौरान इनका नंबर नहीं लगा।
करीब 18 वर्ष तक विधायक के रूप में इंतजार करना पड़ा। सत्ता और संगठन में कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी नहीं दी गई, इसके बावजूद वह जनता के बीच काम करते रहे और लगातार चुनाव भी जीतते रहे। जिस तरह से भाजपा ने उम्र की सीमा सत्ता और संगठन के लिए तय की है, इससे माना जा रहा था कि आगे गौतम को कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिलना मुश्किल है।
इसलिए उनके समर्थकों का भी संगठन पर दबाव था कि इस बार मंत्री बनाया जाए, वह लगातार चौथी बार विधायक चुने गए हैं। बीते साल ही गौतम को आश्वासन मिला था कि उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिलेगी लेकिन अध्यक्ष पद के निर्वाचन का कार्य लगातार पीछे होता रहा और उन्हें इंतजार करना पड़ा।

– नाम घोषित होते ही क्षेत्र में हर्ष


सुबह गिरीश गौतम को विधानसभा अध्यक्ष बनाए जाने की घोषणा होते ही उनके क्षेत्र में कार्यकर्ताओं ने जश्र मनान शुरू कर दिया। कुछ देर के बाद जिले भर से जश्र की तस्वीरें सामने आई। लोगों ने बैंड बाजे के साथ रैलियां निकाली, आतिशबाजी कर जश्न मनाया तो मिठाइयां भी बांटी गई।

जिले से कार्यकर्ता भोपाल के लिए रवाना
अध्यक्ष पद की शपथ गिरीश गौतम 22 फरवरी को भोपाल में लेंगे। इस ऐतिहासिक अवसर पर उनके समर्थक और पार्टी के कार्यकर्ता भी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए भोपाल के लिए रवाना हो गए हैं। बताया गया है कि करीब सैकड़ा भर से अधिक संख्या में वाहनों का काफिला भोपाल के लिए रवाना हुआ है।
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छात्र राजनीति में भी रहे हैं सक्रिय
गिरीश गौतम छात्र राजनीति में भी सक्रिय रहे हैं। 1972 में रीवा में हुए छात्रों के आंदोलन में उनकी भी अहम भूमिका रही है। 1977 से कम्युनिष्ट पार्टी में शामिल हुए और उसी की विचारधारा को आगे बढ़ाते रहे। किसान, मजदूरों के लिए आंदोलन करते कई बार जेल भेजे गए।
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श्रीनिवास तिवारी को हराकर आए सुर्खियों में
मनगवां विधानसभा सीट से 1993 एवं 1998 में भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी की टिकट पर चुनाव लडऩे के बाद श्रीनिवास तिवारी से मिली हार के बाद भी संघर्ष की राह गिरीश गौतम ने नहीं छोड़ी। उन्होंने 2003 के विधानसभा चुनाव में तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष रहे श्रीनिवास तिवारी को हराकर पूरे प्रदेश में सुर्खियां पाई। इसके बाद श्रीनिवास की राजनीतिक यात्रा भी थम गई। उन्होंने चुनाव तो लड़ा लेकिन कहीं से जीत हासिल नहीं कर पाए।
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विधानसभा की कई कमेटियों में कर चुके हैं काम
विधानसभा की कई कमेटियों में गिरीश गौतम को काम करने का अनुभव रहा है। 2003 की विधानसभा में लोक लेखा समिति, महिला बाल कल्याण, अजा-अजजा, पिछड़ा वर्ग कल्याण समिति, माध्यमिक शिक्षा मंडल, गृह, विमानन तथा शिक्षा विभाग की सलाहकार समितियों में सदस्य रहे। 2008 में प्राक्कल समिति, विशेषाधिकार समिति, सार्वजनिक उपक्रम समिति के सभापति एवं अन्य कई समितियों में सदस्य रहे। 2013 में निर्वाचन के बाद लोक लेखा समिति के सभापति, प्राक्कन समिति, जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय की प्रबंध सभा के सदस्य, उत्तरमध्य रेलवे परामर्शदात्री समिति के सदस्य, शिक्षा से संबंधित परामर्शदात्री समितियों के सदस्य रह चुके हैं।

कई बार सरकार के खिलाफ भी सवाल उठाए
विधानसभा में गिरीश गौतम मुखर होकर अपनी बात रखते रहे हैं। आगनबाड़ी केन्द्रों में नियुक्तियों और पोषण आहार वितरण को लेकर मामला उठाया तो सरकार को बड़ी संख्या में कार्रवाई करनी पड़ी थी। शिक्षा विभाग की नियुक्तियों को लेकर भी सरकार की मुश्किलें बढ़ा चुके हैं। जिले की सड़कों की खराब हालत को लेकर भी कई बार सदन में सरकार की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर चुके हैं।

नईगढ़ी माइक्रो एरिगेशन बड़ी उपलब्धि
विधायक के तौर पर सामान्य रूप से क्षेत्र का विकास तो करते ही रहे लेकिन नईगढ़ी माइक्रो लिफ्ट एरिगेशन के लिए पहले जनांदोलन किया फिर सरकार से घोषणा करवाई। करीब आठ सौ करोड़ से अधिक के इस प्रोजेक्ट में क्षेत्र का बड़ा हिस्सा जो सिंचाई से वंचित था, वहां पानी पहुंचेगा। प्रदेश में भूमिगत पाइपलाइन के जरिए नहर ले जाने का यह पहला प्रयोग था। प्रोजेक्ट पर कार्य चल रहा है। इसके अलावा क्षेत्र में कालेजों और स्कूलों को लेकर भी काम किया है। सीतापुर से रायपुर कर्चुलियान की सड़क के लिए लगातार आवाज उठाते रहे हैं।

2003 में बड़ा पद देने का नेताओं ने आश्वासन दिया था
वर्ष 2003 में मनगवां विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के कई नेताओं ने क्षेत्र की जनता को आश्वासन दिया था कि विधानसभा अध्यक्ष को यदि गिरीश गौतम हराएंगे तो उनका कद वही रहेगा। इसकी घोषणा अपनी कई सभाओं में पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी ने की थी। उन्होंने कहा था कि अध्यक्ष को हराने वाले को अध्यक्ष बनाएंगे। वहीं उस दौरान स्टार प्रचारक रहीं उमा भारती ने कहा था कि मनगवां सीट से भाजपा की अपेक्षा यदि पूरी होगी तो जनता की अपेक्षा को पूरा करना हमारा दायित्व है। हालांकि जनता ने भाजपा की अपेक्षा पूरी कर दी थी लेकिन जनता की अपेक्षा पूरी होने में 18 वर्ष से अधिक का समय लग गया।
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