उद्योग विहार सहित अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में लीज पर भूमि का आवंटन इस शर्त पर किया जाता है कि भूमि पर उद्योगों का संचालन शुरू करना होगा। पूंजीपतियों ने लीज पर भूमि आवंटित तो करा लिया। लेकिन नियम-शर्तों अनुरूप उनके द्वारा वर्षों से उद्योग का संचालन नहीं किया जा रहा है।
पूंजीपतियों के इस रवैए के खिलाफ पहले तो स्थानीय अधिकारियों ने कार्रवाई करने में कोताही की। अब शासन स्तर पर मामले को लंबित रखा गया है। मामला प्रकाश में आने और भारी दबाव के बाद पूर्व में स्थानीय अधिकारियों ने संबंधित उद्योगों की लीज डीड समाप्त करने की कार्रवाई कर तो दी। लेकिन मामला शासन में अटक कर रह गया है। प्रकरण एक वर्ष से अधिक समय से लंबित हैं। लेकिन निर्णय नहीं हो सका है।
औद्योगिक केंद्र एवं विकास निगम (एकेवीएन) के रीवा सहित संभाग के अन्य दूसरे जिलों के औद्योगिक क्षेत्र का भी यही हाल है। निगम के सूत्रों की माने तो रीवा सहित दूसरे जिलों के औद्योगिक क्षेत्रों में दो दर्जन से अधिक उद्योग बंद पड़े हैं। उद्योगों का संचालन जमीन पर केवल कब्जे तक सीमित है। उद्योग विहार के उद्योग संचालित हों या फिर लीज डीड समाप्त हो तो युवाओं को मौका मिले।
– खटको केमिकल्स
– पूजा कोल्स कंपनी
– एलआरएम इंडस्ट्रीज
– श्याम इंडस्ट्रीज
– राघव पालीमर्स
– मशीन पार्ट इंडस्ट्रीज