वैसे तो वह जीत हर भारवासी के लिए गर्व की बात है। ऐसे में पूरा देश विजयोत्सव मना रहा है। लेकिन वह जीत सैनिक स्कूल रीवा के लिए और भी खास है। ऐसे में इस मौके पर रीवा सैनिक स्कूल में सेना मेडल से सम्मानित लेफ्टिनेंट जनरल एस मोहन, विशिष्ठ सेवा मैडल से सम्मानित जीओसी हेड क्वाटर मध्य भारत एरिया के मुख्य आतिस्वर्णिम विजय वर्ष के समारोह का आयोजन किया गया।
इस मौके पर लेफ्टिनेंट जनरल ने उपस्थित युवा सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा कि 1971 के युद्ध में सैनिक स्कूल रीवा का विशेष योगदान रहा है, तब इसी विद्यालय के छात्र रहे लेफ्टिनेंट मोहिंदरपाल सिंह चौधरी ने अपने प्राणों की चिंता न करते हुए युद्ध के दौरान दिए गए मिशन को पूरा किया और वीरगति को प्राप्त हुए। यही नहीं विद्यालय के भूतपूर्व आर्ट मास्टर आरएस बाउनी को उनके द्वारा 1971 में पूर्वी पकिस्तान के आत्म समर्पण पर बनाए गए स्कल्पचर के लिए नेशनल अवार्ड से सम्मानित किया गया।
ऐसे में चार अक्टूबर की शाम छह बजे जैक राइफल रेजिमेंट सेंटर जबलपुर से स्वर्णिम विजय मशाल सैनिक स्कूल रीवा पहुंची, जिसे सैनिक स्कूल रीवा के प्रधानाचार्य कर्नल राजेश बैंदा ने हासिल किया। फिर ये मशाल मानेक शॉ सभागार में रखी गई। इस गौरवशाली मौक पर स्कूल कैडेट्स ने सभी का स्वागत किया। इस अवसर पर जैक राइफल जबलपुर के कमांडेंट ब्रिगेडियर आर शर्मा व स्कूल के पुरा छात्र ब्रिगेडियर एसपी सिंह ने सभी कैडेट्स को रक्षा सेवा में जाने के लिए प्रेरित किया। इसके पश्चात जैक राइफल रेजिमेंट सेंटर जबलपुर के आर्मी बैंड ने म्यूजिकल इवनिंग की रंगारंग प्रस्तुतियां दी। राष्ट्रगान से सभा का समापन हुआ।
स्वर्णिम विजय दिवस के दूसरे दिन मंगलवार को सैनिक स्कूल में फनी शो, मिलिट्री बैंड शो, हथियार प्रदर्शन होगा। साथ ही नव निर्मित पैरेंट वेटिंग हाल का उद्घाटन भी किया जाएगा। साथ ही पद अलंकरण पुरस्कार वितरण समारोह भी होंगा।