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रीवा

मांगों को लेकर अतिथि विद्वानों ने छठवें दिन भी किया प्रदर्शन

टीआएस प्राचार्य पर आरोप, चहेतों के लिए कर रहे नियमों की अनदेखी

रीवाJun 07, 2019 / 12:52 pm

Mahesh Singh

Guest scholars perform the sixth day on demands

Guest scholars perform the sixth day on demands


रीवा. शासकीय ठाकुर रणमत सिंह महाविद्यालय के अतिथि विद्वान लगातार छठवें दिन भी प्रदर्शन किया। गुरुवार दोपहर करीब एक बजे वे कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे वहां मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन सौंपा। अतिथि विद्वानों ने टीआरएस के प्राचार्य डॉ. एसयू खान पर उच्च शिक्षा विभाग के निर्देशों की अवहेलना करने का आरोप लगाया।
चहेतों को लाभ पहुंचाना चाहते हैं प्राचार्य
अतिथि विद्वानों को आरोप है कि प्राचार्य नियमों को ताक में रखकर कुछ चहेते लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए यह सब कर रहे हैं। कहा कि अन्य कॉलेजों में ऐसा नहीं हो रहा है। वहां पुराने अतिथि विद्वान ही काम कर रहे हैं। महज टीआरएस कॉलेज में ही मनमानी हो रही है।
अन्य कॉलेजों में व्यवस्था यथावत
अतिथि विद्वान डॉ. दिलीप कुमार पाण्डेय ने कहा कि जिले में और भी कॉलेज हैं जहां स्ववित्तीय एवं जनभागीदारी मद से अतिथि विद्वान रखे गए हैं। कन्या महाविद्यालय रीवा, मॉडल साइंस कॉलेज, न्यू साइंस कॉलेज एवं अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के शैक्षणिक विभाग में इसी प्रकार की व्यवस्था है। वहां नए सिरे से अतिथि विद्वानों का चयन नहीं हो रहा महज टीआरएस में ऐसा किया जा रहा है।
उच्च शिक्षा विभाग के अतिथि विद्वानों जैसी हो व्यवस्था
अतिथि विद्वान अनुराग तिवारी ने कहा कि, उच्च शिक्षा विभाग के अतिथि विद्वानों के लिए जो व्यवस्था है वही व्यवस्था जनभागीदारी एवं स्ववित्तीय शिक्षकों के लिए भी होनी चाहिए। अलग – अलग व्यवस्था नहीं होनी चाहिए। विभाग की ओर से कॉलेजों को ऐसा निर्देर्शित करने की मांग की गई है।
नहीं मिल पा रही सुविधाएं
उल्लेखनीय है कि फिलहाल उच्च शिक्षा विभाग के अतिथि विद्वानों जैसी सुविधाएं स्ववित्तीय एवं जनभागीदारी के शिक्षकों को नहीं मिल पा रही हैं। मानदेय भी उनके मुकाबले काफी कम मिलता है जबकि शैक्षणिक कार्य उसी अनुसार करने होते हैं। ज्ञापन सौंपने वालों में विवेक पाण्डेय, सुनील सिंह, अरुणेश शुक्ला सहित आधा सैकड़ा से ज्यादा अतिथि विद्वान मौजूद रहे।
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