श्याम शाह चिकित्सा महाविद्यालय से सबद्ध गांधी मेमोरियल चिकित्सालय के रेकॉर्ड के अनुसार यहां पर हर रोज ३० से ४० महिलाओं की डिलेवरी की जा रही है। अव्यवस्था के चलते प्रसूताएं प्रसव पीड़ा से कराह रही हैं। आइसीयू एवं स्त्री रोग विभाग वार्ड के सभी बेड भर गए हैं। आइसीयू में जगह नहीं होने पर वार्ड की गैलरी में बेड लगा दिए गए हैं। कहने को तो प्रसूताओं को आइसीयू में रखा गया है, लेकिन सुविधा के नाम पर गैलरी में महज सीलिंग फैन लगा है। सीलिंग फैन के गरम हवा से प्रसूताएं बेहाल हैं।
100 से अधिक महिलाएं बेड पर भर्ती हैं।
श्याम शाह चिकित्सा महाविद्यालय से सबद्ध गांधी स्मारक चिकित्सालय में शिशु एवं बाल्य रोग विभाग की व्यवस्थाएं अनदेखी की भेंट चढ़ गई हैं। गुरुवार दोपहर वार्ड के बेड खाली रहे, इसके बाद भी गैलरी में लगे बेड पर बच्चे को ड्रिप चढ़ाया जा रहा था। वार्ड के सामने सैकड़ों की संख्या में तीमारदार फर्श पर लेटे हुए थे। यहां पर चार यूनिट हैं। इसके अलावा चार गहन चिकित्सा इकाई हैं। कुल मिलाकर बच्चा वार्ड में कुल 200 बेड हैं। कई बेड खाली हैं। इसके बावजूद गैलरी में मामूमों को ड्रिप चढ़ाई जा रही है। जिससे मासूम बेहाल हैं।
हॉस्पिटल में एमसीइआई के मानक के डेढ़ गुना बेड लगाए गए हैं। प्रसूताओं के लिए सभी वार्ड को मिलाकर आठ वार्ड बनाए गए हैं। हां! ये जरूर है कि कुछ मरीजों को बरामदे की गैलरी में बेड पर रखा गया है। सरकारी अस्पताल में मरीजों को वापस नहीं किया जा सकता है। इसलिए जमीन पर भी इलाज किया जा रहा है। राउंड आकस्मिक लेते हैं। व्यवस्थाओं में सुधार किया जा रहा है।
डॉ. एपीएस गहरवार, अधीक्षक, एसजीएमएच