अनियमित खानपान-नशा सेवा से ही बढ रहंी बीमारियां
ऐसा माना गया है कि दिनचर्या परिवर्तन, अनियमित खानपान, नशा सेवन, मानसिक तनाव युक्त जीवन के कारण, ब्लड प्रेशर डायबिटीज एवं कैंसर जैसी बीमारियां कम उम्र में ही लोगों को प्रभावित करने लगी हैं। जिसके कारण कम उम्र में ही हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक आदि का खतरा बढ़ जाता है। एनसीडी स्क्रीनिंग अभियान के तहत स्वस्थ दिनचर्या, संतुलित आहार, योग एवं प्राणायाम की भी जानकारी जन समुदाय स्कूलों एवं आंगनवाड़ी केन्द्रों में प्रदाय की जा रही है। इसी कड़ी में शहरी स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत आज योग कार्यक्रम का आयोजिन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आरएस पाण्डेय ने बताया कि स्वास्थ्य के साथ-साथ वेलनेस भी महत्वपूर्ण है और संतुलित खानपान, व्यायाम एवं योग की गतिविधियों के माध्यम से शरीर को तंदुरूस्त एवं स्वस्थ रखा जा सकता है।
ऐसा माना गया है कि दिनचर्या परिवर्तन, अनियमित खानपान, नशा सेवन, मानसिक तनाव युक्त जीवन के कारण, ब्लड प्रेशर डायबिटीज एवं कैंसर जैसी बीमारियां कम उम्र में ही लोगों को प्रभावित करने लगी हैं। जिसके कारण कम उम्र में ही हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक आदि का खतरा बढ़ जाता है। एनसीडी स्क्रीनिंग अभियान के तहत स्वस्थ दिनचर्या, संतुलित आहार, योग एवं प्राणायाम की भी जानकारी जन समुदाय स्कूलों एवं आंगनवाड़ी केन्द्रों में प्रदाय की जा रही है। इसी कड़ी में शहरी स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत आज योग कार्यक्रम का आयोजिन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आरएस पाण्डेय ने बताया कि स्वास्थ्य के साथ-साथ वेलनेस भी महत्वपूर्ण है और संतुलित खानपान, व्यायाम एवं योग की गतिविधियों के माध्यम से शरीर को तंदुरूस्त एवं स्वस्थ रखा जा सकता है।
शारीरिक मानसिक स्वास्थ्य बेहतर रहने पर ही हम स्वास्थ्य
विश्वविद्यालय के योग गुरू राजेश सिंह ने उपस्थित जनसमुदाय को बताया कि योग करने से शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर रहता है और शारीरिक मानसिक स्वास्थ्य बेहतर रहने पर ही हम स्वास्थ्य माने जा सकते हैं। उन्होंने उपस्थित जन समुदाय को ओम के उच्चारण के साथ योग की गतिविधि प्रारंभ कराई एवं दैनिक दिनचर्या में प्रयोग किए जाने वाले कई आसन योग की जानकारी दी। कार्यक्रम में डॉ. सुनील अवस्थी, नरेन्द्र पटेल, विमल पाण्डेय, नीलेश लगरखा, शशि एवं विश्वविद्यालय के योग शिक्षा विभाग के प्रशिक्षित योग शिक्षक उपस्थित रहे।
विश्वविद्यालय के योग गुरू राजेश सिंह ने उपस्थित जनसमुदाय को बताया कि योग करने से शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर रहता है और शारीरिक मानसिक स्वास्थ्य बेहतर रहने पर ही हम स्वास्थ्य माने जा सकते हैं। उन्होंने उपस्थित जन समुदाय को ओम के उच्चारण के साथ योग की गतिविधि प्रारंभ कराई एवं दैनिक दिनचर्या में प्रयोग किए जाने वाले कई आसन योग की जानकारी दी। कार्यक्रम में डॉ. सुनील अवस्थी, नरेन्द्र पटेल, विमल पाण्डेय, नीलेश लगरखा, शशि एवं विश्वविद्यालय के योग शिक्षा विभाग के प्रशिक्षित योग शिक्षक उपस्थित रहे।