उच्च शिक्षा में छात्रों की गुणवत्ता को बेहतर करने के लिए विभाग द्वारा प्रायोगिक जानकारी पर अधिक जोर दिए जाने की बात कही गई है। खासतौर पर प्रायोगिक विषयों के लिए निर्देश है कि छात्रों को जितना तक संभव हो सके, सारी जानकारी प्रयोग के जरिए दी जाए। प्रयोग से संंबंधित थ्योरी की कक्षाएं भी प्रयोगशालाओं में ही चलाई जाएं। ताकि मौके छात्रों की जिज्ञासा पर प्रयोग के जरिए भी उन्हें सिखाया जा सके।
उच्च शिक्षा विभाग ने यह निर्देश छात्रों में रटने के बजाए समझने की प्रक्रिया को विकसित किए जाने के उद्देश्य को लेकर है। प्रथम वर्ष पर इसको लेकर ज्यादातर जोर दिए जाने का निर्देश है। ताकि छात्र स्नातक और स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी करने के बाद इस स्थिति में आ सके, जिससे कि उनके द्वारा शोध कार्य कुशल क्षमता के साथ पूरा किया जा सके।
विभाग की ओर से यह निर्देश जारी करने के साथ ही उन शासकीय कॉलेजों की प्रयोगशाला को विकसित करने का भी निर्णय लिया गया है, जहां की प्रयोगशाला में आवश्यक उपकरण नहीं हैं। विभाग ने इस बावत संबंधित कॉलेजों से आवेदन भी मांगा है। आवेदन के जरिए कॉलेज प्रयोगशाला की वर्तमान स्थिति की जानकारी देते हुए आवश्यकता को प्रस्तुत कर सकेंगे।