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रीवा

MP के इस अस्पताल के एसी खराब, गर्मी में बिलबिला रहे मासूम

संभागायुक्त के निरीक्षण के बाद भी अव्यवस्था बरकरार, विभागाध्यक्ष बोलीं… विद्युत यांत्रिकी पीडब्ल्यूडी को लिखा है पत्र

रीवाJun 14, 2018 / 02:11 pm

Dilip Patel

in this hospital of MP, troubled patient in summer

in this hospital of MP, troubled patient in summer

रीवा. संभागायुक्त की कार्रवाई के बाद भले ही पीडब्ल्यूडी के अमले ने व्यवस्थाएं दुरुस्त करने का आश्वासन दिया हो लेकिन धरातल पर सब कुछ पहले जैसा ही है। कमिश्नर के निरीक्षण के पांच दिन बाद भी शिशु रोग विभाग के विभिन्न वार्डों में भर्ती मासूम भीषण गर्मी में बिलबिला रहे हैं। वार्ड के खराब एसी-कूलर बदलने का कार्य अभी तक नहीं किया गया है।
पत्रिका ने इसकी पड़ताल की तो गांधी मेमोरियल हॉस्पिटल में चौकाने वाली स्थिति सामने आई। शिशु रोग विभाग अंतर्गत स्पेशल न्यू बार्न केयर यूनिट में कुल 12 एसी लगे हैं जिनमें से 3 एसी खराब पड़े हैं। गहन चिकित्सा इकाई में 8 एसी लगे हैं जिनमें से 3 एसी खराब हैं। अति गंभीर कुपोषण इकाई में कुल 6 एसी लगे हैं जिनमें से 3 एसी खराब पड़े हैं। कुल मिलाकर विभाग में 9 एसी खराब हैं। मालूम हो कि एसएनसीयू, पीआइसीयू और कुपोषण इकाई वातानुकूलित इकाई हैं। यहां बाहर से हवा जाने का कोई प्रबंध नहीं है। नवजात बच्चों को रखा जाता है जबकि पीआइसीयू में 15 साल तक के गंभीर बीमारियों के पीडि़त बच्चों को भर्ती किया जाता है। वहीं कुपोषण इकाई में कुपोषण से लड़ रहे बच्चे इलाज के लिए भर्ती होते हैं। संभागायुक्त महेश चंद्र चौधरी ने छह दिन पहले इन इकाइयों में कई कमियां पकड़ी थी। पीडब्ल्यूडी के जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते वेतनवृद्धि रोकने की कार्रवाई भी की थी। जिसके बाद उम्मीद लगाई जा रही थी कि कम से कम मासूमों को गर्मी से राहत देने के इंतजाम तो कर दिए जाएंगे। पर ऐसा अभी तक नहीं हुआ। इस मामले में विभागाध्यक्ष डॉ. ज्योति सिंह ने कहा कि पीडब्ल्यूडी को पत्र भेज कर समस्या से अवगत करा दिया गया है।
डीन और अधीक्षक से नहीं संभल रही व्यवस्था
बता दें कि अस्पताल में इलेक्ट्रिकल मेंटीनेंस की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी के विद्युत यांत्रिकी शाखा की है। पर्याप्त स्टॉफ भी तैनात हैं। बावजूद इसके एसी-कूलर, वाटर कूलर खराब पड़े हैं। विद्युत यांत्रिकी शाखा के इंजीनियर राउंड लेकर मेंटीनेंस कार्य करने में कोताही बरत रहे हैं। दरअसल, श्यामशाह मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. पीसी द्विवेदी और अस्पताल अधीक्षक डॉ. एपीएस गहरवार अस्पताल को समय नहीं दे पा रहे हैं। जिससे व्यवस्थाओं में सुधार नहीं हो रहा है।
…तो सेंट्रल एयर कंडीशनर की देख रहे राह
सूत्रों की माने तो यह लापरवाही जानबूझकर बरती जा रही है। दरअसल, जीएमएच को सेंंट्रल एयर कंडीशनर की सुविधा प्रदान होनी है। इसके लिए एजेंसी के पदाधिकारी निरीक्षण भी कर चुके हैं। जानकारों का कहना है कि मेडिकल कॉलेज और अस्पताल प्रबंधन इस प्रोजेक्ट की राह देख रहा है। माना जा रहा है कि अगली गर्मी के पहले यह प्रोजेक्ट पूरा होना है। इसीलिए खराब पड़े एसी-कूलर बनवाने पर प्रबंधन गंभीर नहीं है।
कागजों पर शुरू की कार्रवाई
उधर पीडब्ल्यूडी विभाग की कार्रवाई सिर्फ कागजों तक सीमित है। चीफ इंजीनियर के साथ अमले ने अस्पताल का निरीक्षण कर रूपरेखा तैयार कर ली है। पर इसे अमलीजामा कब पहनाएंगे ये खुद उन्हें नहीं पता है। अस्पताल की खिड़कियों में जाली लगाने, टूट दरवाजे बदलने, छत की रिपेयरिंग, फर्श की रिपेयरिंग और सोलर प्लांट की स्थापना जैसे महत्वपूर्ण कार्य अधर में है।

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