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रीवा

यहां प्रधानमंत्री कार्यालय तक के आदेश बेअसर साबित हो रहे हैं, इनका काम करने का तरीका भी अपने आप में खास है

पीएमओ के आदेश का भी जेडीए पर असर नहीं हुआ। 13 बार भेजे गए स्मरण पत्र। लेकिन अलग ढंग में रियायती दर पर दी है निजी स्कूल को सरकारी जमीन। स्वीकृत नक्शे के विपरीत हो रहा निर्माण…

रीवाMay 19, 2017 / 02:52 pm

vijay ram

JDA ignore orders by the PMO

JDA ignore orders by the PMO

जयपुर विकास प्राधिकरण का काम करने तरीका भी अपने आप में खास है। यहां पर प्रधानमंत्री कार्यालय तक के आदेश बेअसर साबित हो रहे हैं। ऐसा ही मामला सामने आया है मालवीय नगर स्थित विजय नर्सरी शिक्षा समिति को रियायती दर पर दी गई जमीन पर बने निजी स्कूल में।

पीएमओ के आदेश का भी जेडीए पर असर नहीं

जानकारी के अनुसार जेडीए ने विजय नर्सरी शिक्षा समिति को विद्यालय निर्माण के लिए रियायती दर पर भूखंड आवंटित किया था। इस पर समिति ने ऋ?षिकुल विजय नाम से निजी स्कूल बनाया है। यहां तक तो ठीक था। लेकिन समिति ने जेडीए से स्वीकृत नक्शे के विपरीत निर्माण करवा लिया। समिति प्रबंधन ने स्कूल के दोनों तरफ 40 फीट रोड पर गेट निकालने की बजाय करधनी मार्केट की 60 फीट मुख्य सड़क पर दो गेट बना लिए हैं।

जेडीए को 13 बार भेजे स्मरण पत्र

स्थानीय लोगों ने मई 2016 में नक्शे विरुद्ध निर्माण की शिकायत जेडीए से की। जेडीए के जोन-1 उपायुक्त ने नियम विरुद्ध निर्माण तोडऩे और गेट बंद करने के लिए 3 जून 2016 को यूओ नोट जारी किया। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। मुख्य सड़क पर स्कूल गेट होने से दुर्घटना की आशंका जताते हुए स्थानीय लोगों ने जेडीए को 13 बार स्मरण पत्र भेजे। लेकिन कुछ नहीं हुआ। इस पर अवैध निर्माण की शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय से की गई।

पीएमओ ने मुख्य सचिव को पत्र लिख कार्रवाई को कहा

पीएमओ ने 5 अक्टूबर 2016 को मुख्य सचिव को पत्र लिखकर जेडीए से कार्रवाई करवाने के लिए कहा। इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद स्थानीय लोगों ने 16 मई 2016 को लोकायुक्त से शिकायत की है। वहीं, जेडीए के जोन—1 उपायुक्त ने स्कूल के दोनों गेट को अवैध बताते हुए बंद करने और नक्शे में अनुमोदित गेट की जगह बने टॉयलेट तोड़कर वहां गेट खोलने के लिए एक मई 2017 को तीसरी बार यूओ नोट जारी किया।

नहीं हो रही कार्रवाई
स्थानीय लोगों का कहना है कि स्कूल प्रबंधन ने नियमों का उल्लंघन कर मुख्य सड़क पर दो गेट बना दिए हैं। हाल ही में सेंट एंसलम स्कूल में हुआ हादसा सबके सामने है, मुख्य सड़क पर स्कूल गेट होने का खामियाजा मासूम बालिका को जान देकर चुकाना पड़ा। यदि ऋषिकुल विजय स्कूल के मुख्य सड़क पर बने गेट बंद नहीं किए गए, तो यहां भी ऐसा हादसा हो सकता है। प्रधानमंत्री कार्यालय से लोकायुक्त तक शिकायत होने के बावजूद जेडीए कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।

जेडीए ने रियायती दर पर दी है निजी स्कूल को सरकारी जमीन

विजय नर्सरी शिक्षा समिति ने नियमों का उल्लंघन कर मुख्य सड़क पर गेट खोल रखे हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय से निर्देश के बावजूद जेडीए प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। ये जेडीए की स्कूल प्रबंधन के साथ मिलीभगत को दर्शाता है।
-जगदीश प्रसाद गोठवाल, स्थानीय निवासी

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जेडीए को इसकी शिकायत मिली है, कार्रवाई क्यों नहीं हो रही, इस बारे में उच्चाधिकारी ही बता सकते हैं।
-आलोक गौतम, प्रवर्तन अधिकारी, जेडीए

विद्यालय में गेट निर्माण को लेकर नियमों का उल्लंघन नहीं हुआ है। प्रस्तावित जगह की बजाय मेन रोड पर गेट बनाने के बारे में जेडीए को जानकारी दे दी गई है। यदि जेडीए चाहे तो कार्रवाई कर सकता है।
-अमित भार्गव, स्कूल प्रबंधक

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