जावेन्द्र त्रिपाठी 29 वर्ष निवासी चोरहटा की जीप चोरों ने चिरहुला मंदिर के सामने से पार कर दी थी जिसका मामला थाने में दर्ज था। पुलिस लगातार उक्त गाड़ी की तलाश कर रही थी। गुरुवार को उक्त गाड़ी के रेलवे स्टेशन के समीप होने की जानकारी पुलिस को मिली। इस दौरान पुलिस ने रेलवे स्टेशन के समीप दबिश दी लेकिन आरोपी ने गाड़ी की नम्बर प्लेट बदल दी थी जिससे वह पहचान में नहीं आई थी। इस दौरान पुलिस को देखकर आरोपी ने भागने का प्रयास किया जिस पर पुलिस को संदेह हुआ और पुलिस ने उसे पकड़ लिया। जांच में उक्त जीप चोरी की निकली।
आरोपी की पहचान विकास दाहिया उर्फ गोलू पिता विष्णु 22 वर्ष निवासी इटमा थाना मैहर हाल मुकाम बिछिया के रूप में हुई। पुलिस पकड़े गए आरोपी को पूछताछ के लिए थाने ले आई। पीडि़त ने अपनी गाड़ी एक निजी फर्म में बुकिंग पर लगाई थी जिसमें उक्त आरोपी भी ड्राइवर के रूप में काम करता था। तीन माह पूर्व उसे काम से निकाल दिया था जिसके बाद उसने घटना की योजना बनाई और उसे अंजाम दिया। पकड़े गए आरोपी से पुलिस अन्य घटनाओं के संबंध में पूछताछ कर रही है।
उक्त आरोपी ने गाड़ी बेंचने के लिए फर्जी आधार कार्ड बनवाया था। दरअसल घटना दिनांक को गाड़ी चुराने के बाद वह नागौद गया था। टोल प्लाजा से बचने के लिए दूसरे मार्ग का इस्तमाल किया। नागौद में उसने अपने आधार कार्ड को कम्प्यूटर में स्केन करवाकर फरियादी का नाम और पता लिख दिया था। गाड़ी के सभी कागज पीडि़त के नाम पर थे जिस पर उसने गाड़ी बेंचने के चक्कर में आधार कार्ड बनवाया और खुद जीवेन्द्र त्रिपाठी बन गया था। रीवा में भी उसने सभी को अपना नाम विकास पटेल बताया था। फर्जी दस्तावेज बनवाने पर उसके खिलाफ धोखधड़ी की धाराएं बढ़ाई गई है।
उक्त आरोपी नागौद में अपनी प्रेमिका के साथ रहता था। दरअसल एक महिला से उसका प्रेम प्रसंग चलता था जिसके घर उसका आनाजाना था। प्रेमिका के छोटी बहन की शादी होने वाली थी जिस उसे खुश करने के लिए उसने गाड़ी उड़ाई ताकि उसे बेंचकर शादी में पैसा खर्चा कर सके। घटना के बाद वह गाड़ी लेकर नागौद गया था जहां उसने डेढ़ लाख रुपए में जीप को गहन रखने की जानकारी दी थी। फलस्वरूप किसी को भी उसकी करतूत पर शक नहीं हुआ। थाना प्रभारी शिवा अग्रवाल ने बताया कि आरोपी उक्त जीप को बेंचने की फिराक में था जिसके लिए उसने फर्जी आधार कार्ड बनवाया था। उससे अन्य घटनाओं के संबंध में भी जानकरी ली जा रही