श्याम शाह मेडिकल कॉलेज के हड़ताली जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि हम गरीब घर के छात्र कहां से पैसे चुकाएं। अगर हम लोगों के पास पैसे होते तो कहीं से भी मेडिकल और पीजी की डिग्री ले सकते थे, लेकिन देश के सबसे बड़े टेस्ट को क्वालीफाई कर बड़ा चिकित्सक बनने का ख्वाब पाल रखा था। क्या पता था कि राज्य सरकार पलक झपकते ही हमारे सपनों को चकनाचूर कर देगी।
ये भी पढ़ें- MP के इस जिले में कोरोना की तीसरी लहर का अंदेशा, मचा हड़कंप जूडा (जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन) के जिला अध्यक्ष डॉ. रजनीश मिश्रा ने कहा कि सरकार सिर्फ डरा रही है। हमारी छह सूत्रीय मांगों पर कोई अमल नहीं किया जा रहा है। अभी तक सरकार की ओर से किसी तरह का वार्तालाप तक नहीं किया गया है। जूडा के छात्रों के परिजनों को सरकार पुलिस और प्रशासन का खौफ पैदा कर रही है।
जूडा के ज्वाइंट सेक्रेटरी डॉ. सरितेश ठाकुर का कहना है कि रीवा स्थित श्याम शाह मेडिकल कॉलेज के छात्रों के सपोर्ट में पीजी फर्स्ट, सेकेंड और थर्ड ईयर के जूडा को मिलाकर कुल 173 जूनियर डॉक्टर हड़ताल में शामिल है। इसके अलावा इंटर्नशिप करने वाले 98 चिकित्सक, 42 सीनियर रेडीडेंट्स और 16 जूनियर रेजीडेंट्स का भी हमें समर्थ मिल रहा है। वो हमारे साथ धरने पर बैठे हैं।
ये भी पढें- junior doctors strike समाप्त कराने को बढ़ी सख्ती, जारी हुआ ये आदेश प्रदेश मुख्यालय भोपाल में चल रहे जूनियर डॉक्टर्स के आंदोलन में शरीक होने गए रीवा के जूडा के जिला उपाध्यक्ष डॉ. सरदार विक्रम सिंह बैस का कहना है जहां तक हॉस्टल खाली कराने के आदेश की बात है तो रीवा में ऐसा कोई आदेश अभी नहीं पहुंचा है। सरकार सिर्फ अभी भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज, जबलपुर के सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज और इंदौर के एमवाय हॉस्टल खाली कराने के आदेश दिए हैं।