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रीवा

भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा पर कोविड-19 की काली छाया, नगर भ्रमण पर नहीं निकलेगी

180 साल में पहली बार नगर भ्रमण में नहीं निकलेंगे भगवान जगन्नाथ, 1841 से प्रांरभ हुई थी रीवा शहर में रथयात्रा
 

रीवाJun 20, 2020 / 10:25 pm

Mahesh Singh

Lord Jagannath's rath yatra will not go on city tour

Lord Jagannath’s rath yatra will not go on city tour


रीवा. कोरोना संक्रमण के चलते 23 जून को निकलने वाली प्राचीन भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा इस बार शहर में नहीं निकलेगी। 180 सालों में यह पहला मौका होगा जब भगवान जगन्नाथ स्वास्थ्य होने के बाद शहर के भ्रमण नहीं निकलेंगे। भगवान जगन्नाथ सीधे लक्ष्मण बाग मंदिर में विराजमान होकर भक्तों को दर्शन देंगे।

लक्ष्मण बाग के पुजारी दीनानाथ त्रिपाठी बताते है, रीवा के महाराजा भाव सिंह ने जो गरीब जनता पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा में शामिल नहीं हो सकती थी उनके लिए सन 1841 में यह यात्रा प्रांरभ कराई थी। इसके बाद महाराजा वकेंटरमन ने इस रथयात्रा को भव्य रुप से मनाने की शुरुआत की। इसके बाद लगातार जारी रही, यहां तक कि अंग्रेजों के जमाने में भी कभी रथ यात्रा बंद नहीं हुई है। 180 साल बाद यह स्थिति बनी है, जब कोरोना संक्रमण के चलते भगवान जगन्नाथ रथयात्रा नहीं निकाली जाएगी।

लू लगने से बीमार पड़ जाते हैं भगवान जगन्नाथ
पुरानी पंरम्परा के अनुसार जेठ का महीना समाप्त होते ही भगवान जगन्नाथ को 108 घड़ों के पानी से महास्नान कराया जाता है, जिससे उन्हें लू लग जाती है। इसके बाद राजवैद्य जाकर भगवान का इलाज करते है। ठीक होने के बाद भगवान जगन्नाथ की सवारी शहर के भ्रमण पर निकलती है। रात में शहर में विश्राम करने के बाद दूसरे दिन अपने धाम को लौटते है। वर्षो से इस पुरानी परम्परा को बड़ी उत्साह से रीवा में मनाया जाता है।

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